मूल कर्तव्य
नोट - इनका उल्लेख संविधान के भाग 4 (क) और अनुच्छेद 51(क) में हैं।
वर्तमान में 11 मूल कर्तव्य है जो निम्नलिखित है-
1. संविधान का पालन करें और उसके आदर्शो, संस्थाओं , राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे।
2. स्वतत्रंता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले आदर्शो का सम्मान करेंगे।
3. भारत की एकता, अखण्डता को अक्षुण बनाएं रखेंगे और सम्प्रभुता की रक्षा करेंगे।
4. देश की रक्षा करेंगे और आवाहन किये जाने पर राष्ट्र की सेवा करेंगे।
5. देश मे सांमजस्य की भावना और भ्रातृत्व की भावना बनाऐ रखेगें ओर ऐसी प्रथाओं का त्याग करेंगे जो स्त्रीयों के सम्मान के विरूद्ध हो।
6. देश की सामाजिक संस्कृति को समझेगे और बनाए रखेगें।
7. प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अन्र्तगत वन, झील, नदी, वन्य जीव है कि रक्षा करें और उसका सवंर्धन करें तथा प्राणि मात्र के प्रति दया भाव रखेगें।
8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें।
9. सर्वाजनिक संपति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे।
10. व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढने का सतत् प्रयास करे, जिससे राष्ट्र निरंतर बढते हुए प्रर्यत्न ओर उपलब्धि की ऊचाईयों को छू सके।
11. 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को उनके अभिभावक अथवा संरक्षक या प्रतिपालक जैसी भी स्थिति हो षिक्षा के अवसर प्रदान करे।
- मूल संविधान में मूल कत्र्तव्यों का उल्लेख नहीं था।
- ‘‘सरदार स्वर्णसिंह समिति’’ की सिफारिश पर 42वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा इन्हें संविधान में शामिल किया गया।
- 1976 में कुल मूल कर्तव्य - 10
- वर्तमान में कुल मूल कर्तव्य - 11
- 86वें संविधान संशोधन, 2002 के द्वारा 11वां मूल कर्तव्य शामिल किया गया।
- यह स्त्रोत पूर्व सोवियत संघ (रूस) से लिया गया है।
नोट - इनका उल्लेख संविधान के भाग 4 (क) और अनुच्छेद 51(क) में हैं।
वर्तमान में 11 मूल कर्तव्य है जो निम्नलिखित है-
1. संविधान का पालन करें और उसके आदर्शो, संस्थाओं , राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे।
2. स्वतत्रंता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले आदर्शो का सम्मान करेंगे।
3. भारत की एकता, अखण्डता को अक्षुण बनाएं रखेंगे और सम्प्रभुता की रक्षा करेंगे।
4. देश की रक्षा करेंगे और आवाहन किये जाने पर राष्ट्र की सेवा करेंगे।
5. देश मे सांमजस्य की भावना और भ्रातृत्व की भावना बनाऐ रखेगें ओर ऐसी प्रथाओं का त्याग करेंगे जो स्त्रीयों के सम्मान के विरूद्ध हो।
6. देश की सामाजिक संस्कृति को समझेगे और बनाए रखेगें।
7. प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अन्र्तगत वन, झील, नदी, वन्य जीव है कि रक्षा करें और उसका सवंर्धन करें तथा प्राणि मात्र के प्रति दया भाव रखेगें।
8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें।
9. सर्वाजनिक संपति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे।
10. व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढने का सतत् प्रयास करे, जिससे राष्ट्र निरंतर बढते हुए प्रर्यत्न ओर उपलब्धि की ऊचाईयों को छू सके।
11. 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को उनके अभिभावक अथवा संरक्षक या प्रतिपालक जैसी भी स्थिति हो षिक्षा के अवसर प्रदान करे।