नीति निर्देशक तत्व neeti nirdeshak tatv

नीति निदेशक तत्व
  • तेज बहादुर स्प्रे समिति की सिफारिश पर संविधान में प्रारम्भ से शामिल है।
  • यह श्रोत  आयरलेण्ड से लिया गया है
  • इनका उल्लेख संविधान के भाग - 4 व अनुच्छेर 36-51 में है
  • लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा इनमें निहित है।
  • मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ विवाद 1980 - इस विवाद में सर्वोच्च न्यायालय ने मूल अधिकारों व निति निर्देशक तत्वों को एक दुसरे का पुरक माना हैं।
  • अनुच्छेद 36 - राज्य शब्द को परिभाषित किया गया है।
  • अनुच्छेद 37 - निति निदेशक तत्व वाद योग्य नहीं हैं।
  • अनुच्छेद 38 - राज्य इस प्रकार की व्यवस्था की स्थापना करेगा। जिससे सामाजिक, आर्थिक व राजनेतिक न्याय की प्राप्ति हो सके।

  • अनुच्छेद 39 - इसमें छः बातों का उल्लेख है -
  • अनुच्छेद 39 (a) - राज्य पुरूष व स्त्रियों के लिए आजीविका प्राप्त करने के लिए समान अवसर प्रदान करेगा।
  • अनुच्छेद 39 (b) - राज्य प्राकृतिक संसाधनों का आंवटन इस प्रकार करेगा कि अधिकतम लोगों का अधिकतम हित हो।
  • अनुच्छेद 39 (c) - राज्य आर्थिक संसाधनों के केन्द्रिकरण पर रोक लगाऐगा।
  • अनुच्छेद 39 (d) - समान कार्य के लिए समान वेतन
  • नोट - समान वेतन अधिनियम - 1976 ई. में बनाया गया।
  • अनुच्छेद 39 ¼f½  - शोषण से बच्चों एवं व्यस्को की सुरक्षा 
  • अनुच्छेद 39(A) - 42वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा जोड़ा गया।
  • इसमें समान न्याय व निःशुल्क विधिक सहायता का उल्लेख हैं।
  • अनुच्छेद 40 - राज्य ग्राम पंचायतों का गठन करेगा।
  • अनुच्छेद 41 - राज्य लोगों का काम शिक्षा, लोक सहायता उपलब्ध करवायेगा।
  • नोट: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरण्टी अधिनियम 2005।
  • अनुच्छेद 42 - राज्य ऐसा पर्यत्न करेगा कि, व्यक्तियों को  अपनी अनुकूल अवस्थाओं मंे ही कार्य करना पड़ा तथा स्त्रीयों को प्रसूति सहायता के लिये उपबन्ध करेगा।   
  • अनुच्छेद 43 - राज्य की कर्मकारो को काम , निर्वाह मजदूरी एवं उचित कार्य दशाओं को सुनिश्चित करने एवं ग्रामों में कुटीर उद्योगों बढावा देने के कार्य करेगा।
  • नोट - भारत सरकार ने 1948 ई. में न्यूनतम वेतन अधिनियम बनाया।
  • अनुच्छेद 43(A)  - 42वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा जोड़ा गया।
  • राज्य उद्योगों के प्रबन्ध में कार्मिकों की भागीदारी को सूनिश्चित करेगा।
  • अनुच्छेद 43(B) - 97वें संविधान संशोधन 2011 के द्वारा जोड़ा गया। 
  • राज्य सहकारिता सस्थाओं की स्थापना को बढावा देगा।
  • अनुच्छेद 44 - समान नागरिक सिविल संहिता - विवाह, उतराधिकारी, तलाक, गोद आदि से संबंधित कानून सभी के लिये समान होगें।
  • अनुच्छेद 45 - मूल संविधान में 6-14 वर्ष की आयु के बालकों के लिए निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था थी।
नोट:- 86वें संविधान संशोधन 2002 के द्वारा 0-6 वर्ष तक के बालकों के लिए निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था राज्य करेगा।
  • अनुच्छेद 46 - राज्य जनता के दुर्बल वर्गो, विषेषतया अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों के षिक्षा तथा अर्थ संबंधि हितों की विषेष सावधानी से उन्नति करेगा और सामाजिक अन्याय तथा सभी प्रकार के शोषण से उनकी रक्षा करेगा।
  • अनुच्छेद 47 - राज्य सभी व्यक्तियों के लिए पोषण युक्त भोजन की व्यवस्था करेगा तथा लोंगो के लिये जीवन स्तर और स्वास्थ्य को सुधारने के लिये प्रयत्न करेगा तथा इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए औषधि में प्रयोग किये जाने के अतिरिक्त स्वास्थ्य के लिये हानिकारक मादक द्रव्यों तथा अन्य पदार्थो के सेवन पर प्रतिबन्ध लगायेगा ।
नोट:- जनवरी, 1995 से मिड-डे मील कार्यक्रम की शुरूआत इसी अनुच्छेद के द्वारा की गयी।
  • अनुच्छेद 48 - राज्य कृषि और पशुपाल को व्यवस्थित करेगा तथा उनमें सुधार के लिए उन्नत तकनिको ंका प्रयोग करेगा।
  • नुच्छेद 48(A)  - 42वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा जोड़ा गया।
  • राज्य पर्यावरण का संरक्षण करेगा तथा वय व वन्य जीवों की रक्षा करेगा।
  • नोट: - वन व वन्य जीव सरक्षण अधिनियम, 1972 में बनाया गया।
  • अनुच्छेद 49 - राज्य राष्ट्रीय स्मारकों तथा राष्ट्रीय महत्व के स्थानों को सरक्षण प्रदान करेगा।
  • अनुच्छेद 50 - कार्यपालिका से न्यायापालिका का पृथकरण।
  • अनुच्छेद 51 - भारतीय विदेश नीति का उल्लेख है।
  • के.टी. शाह के अनुसार - निति निदेशक तत्व एक ऐसा चेक है जिसका भुगतान बैंक की इच्छा पर निर्भर है।
  • अम्बेडकर ने राज्य के निति निदेषक तत्वों को भारतीय संविधान की अनोखी विषेषता कहा है
नोट:- राज्य के निति निदेषक तत्वों को संविधान में शामिल करने का मुख्य उद्देष्य सामाजिक और आर्थिक प्रजातंत्र स्थापित करना