राजस्थान के प्रमुख बांध Notes


  • जैसलमेर से कुछ दूरी पर लाठी सीरीज क्षेत्र में 312 मीटर गहराई में खोदे गये नलकूप से प्रतिधंटा 318220 जल प्राप्त होता हैं।जैसलमेर जिले की खड़ीन अधिक प्रसिद्ध है। खड़ीन के अन्तर्गत दिवार बनाकर वर्षा का पानी रोक लिया जाता हैं।
  • राजस्थान में भू-गर्भ में बहने वाले पानी के निश्चित मार्ग को सीर कहते हैं।बूंद-बूंद सिंचाई प्रद्धति ईजराइल की हैं।
  • राजस्थान का क्षेत्रफल देश के क्षेत्रफल का लगभग 10.41 प्रतिशत है जबकि राज्य में सही जल उपलब्धता 1.16 प्रतिशत हैं।
  • राज्य में सर्वाधिक फलोराईड नागौर में पाया जाता हैं। इसलिए नागौर में कुबड पट्टी पाई जाती हैं। नागौर जिले के लोग इसके कारण कुबड़े हो गये हैं।सुजलाम परियोजना का शुभारंभ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने तुरबी गांव (बाड़मेर) में किया।
  • 11 अप्रैल 2002 को राष्ट्रीय जल नीति मंजूरी प्रदान की। इसके अंतर्गत सबके लिए पेयजल को प्राथमिकता दी गई।
  • राजस्थान जल विकास लिमिटेड की स्थापना 1984 में की गई। इसका मुख्यालय जयपुर में हैं।
  • राज्य सरकार ने 19 सितम्बर 1999 को राज्य की जल नीति घोषित की।

राजस्थान के प्रमुख बांध:-
1. जंवाई बांध:-

  • मारवाड़ का अमृत सरोवर कहलाता हैं।इसकी नींव 13 मई 1946 को जोधपुर महाराजा उम्मेद सिंह ने रखी।
  • यह लूनी की सहायक नदी जवाई पर पाली में स्थित हैं।इसका निर्माण इंजिनियर एडगर व फर्गुसन की देखरेख में हुआ।
  • यह पाली व जोधपुर में जलापूर्ति का मुख्य स्त्रोत हैं।राजस्थाान के गठन के पश्चात् 1956 में यह बांध मुख्य अभियंता मोती सिंह की देखरेख में पूर्ण हुआ।सेई बांध, उदयपुर का प्रथम बार जल 9 अगस्त 1977 को जवाई बांध में डाला गया।
  • जवाई बांध की जल क्षमता बढ़ाने के लिए 1971 में सेई बांध परियोजना बनाई गई।
  • उदयपुर की कोटड़ा तहसील में बने सेई बांध से पानी जवाई बांध में लाने के लिए पहाड़ से 7 की.मी. लम्बी सुंरग बनाई गई।
  • जवाई बांध जल अभयारण्य की दृष्टि से पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध हैं।

2. बारेठा बांध:-

  • भरतपुर की बयाना तहसील के बारेठा गांव में स्थित।कुकुन्द नदी पर 1897 में महाराजा रामसिंह के समय निर्माण।
  • निर्माण कार्य 1866 में जसवंत सिंह के शासनकाल में पूर्ण।कमाण्डर इंजिनियर बहादुर राॅयल द्वारा प्रारंभ किया गया।
  • इस बांध को वन्यजीव अभ्यारण्य के रूप में घोषित किया गया हैं।इस बांध की बनावट एक जहाज के जैसी है अतः यह दूर से जहाज के समान दिखाई देता हैं।

3. गांधी सागर बांध:-

  • 1960 में चम्बल नदी पर एम.पी. के मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील में निर्माण।यह 510 मीटर लम्बा व 62 मीटर चैड़ा हैं।
  • इस बांध पर विधुत ग्रह का निर्माण किया गया हैं।

4. राणा प्रताप सागर बांध:-

  • इसका निर्माण द्वितीय चरण में चितौड़गढ़ जिले के रावतभाटा नामक स्थान पर किया गया हैं।
  • इसका निर्माण कार्य 1970 में पूर्ण हुआ।इसकी लम्बाई 1170 मीटर व चैड़ाई 36 मीटर हैं।
  • इस बांध पर कनाड़ा की सहायता से परमाणु बिजली घर की स्थापना की गई।
  • विश्व का सबसे सस्ता बांध जिसका निर्माण 31 करोड़ में किया गया।इसकी जल भण्डारण क्षमता सर्वाधिक हैं।

5. जवाहर सागर बांध:-

  • 1962 से 1973 के मध्य कोटा के बोरावास नामक स्थान पर निर्माण किया गया।
  • कोटा व बूंदी को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होती हैं।इसका निर्माण विधुत उत्पादन के लिए किया गया हैं।
  • यह एक पिकअप बांध हैं।

6. कोटा बैराज:-

  • इसका निर्माण 1953 में शुरू व 1960 में पूर्ण हुआ।बांध के दांयी व बांयी ओर नहरों का निर्माण किया गया।
  • बांयी नहर राजस्थान में सिंचाई के काम आती हैं।इसकी कुल लम्बाई 178 कि.मी. हैं।
  • चम्बल कमाण्ड क्षेत्र में राजस्थान कृषि डेªनेज अनुसंधान परियोजना, कनाडा की अन्तर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी के सहयोग से चलाई जा रही हैं।

7. टोरड़ी सागर बांध:-टोरड़ी गांव, टोंक में 1887 में निर्माण किया गया।इसकी प्रमुख विशेषता है कि इसकी सभी मोरिया खोल देने पर
एक बूंद पानी भी नहीं रूकता हैं।
8. जाखम बांध:-इसका निर्माण प्रतापगढ़ जिले के अनुपपुरा के पास जाखम नदी पर 81 मीटर ऊंचाई पर किया गया हैं।

  • इसका निर्माण टी.एस.पी. जनजाति उपयोजयना के अंतर्गत किया गया हैं।जाखम नदी के उपर एक विद्युत ग्रह का निर्माण किया गया हैं।

9. बिसलपुर बांध:-

  • टोंक जिले में टोडारायसिंह से 13 कि.मी. दुर बीसलपुर गांव में बनास व डाई नदी के संगम पर 1987 में निर्माण।
  • इसका मुख्य उद्देश्य टोंक, बूंदी व अजमेर जिले को पेयजल उपलब्ध करवाना था।
  • एशिया विकास बेंक की सहायता से आर.वी.आई.डी.पी. द्वारा परियोजना के ट्रासमिशन का कार्य प्रारम्भ किया गया।
  • यह राजस्थान की सबसे बड़ी पेयजल परियोजना हैं।
  • बीसलपुर परियोजना के लिए नाबार्ड के ग्रामिण आधार ढ़ांचा विकास कोष से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती हैं।

10. मेजा बांध:-

  • माण्डलगढ़ कस्बे, भीलवाड़ा मे कोठारी नदी पर स्थित हैं।
  • इस बांध पर बनाये गये मेजा पार्क को ग्रीन माण्ऊट के नाम से जाना जाता हैं।

11. पांचना बांध:-

  • करौली के गुड़ला गांव के पास पांच नदीयों(भद्रावती, अटा, माची, बरखेड़ा, भैसावर)के संगम पर मिट्टी से बना बांध
  • राजस्थान में मिट्टी से बना यह सबसे बड़ा बांध हैं।
  • इस बांध का निर्माण अमेरिका के आर्थिक सहयोग से किया गया हैं।
  • पांचना बांध परियोजना यू.एस.ए. के सहयोग से चलाई जा रही हैं।

12. औराई बांध:- यह औराई नदी पर चितौड़गढ में स्थित हैं।, इसका उद्देश्य चितौड़गढ़ को पेयजल उपलब्ध करवाना हैं।
13. बांकली बांध:- जालौर में सूकड़ी तथा कुलथाना नदीयों के किनारे बांकली गांव में स्थित हैं।
14. अडवाण बांध:- यह भीलवाड़ा में मानसी नदी पर स्थित हैं।
15. नारायण सागर बांध:- यह अजमेर जिले के ब्यावर के पास खारी नदी पर स्थित हैं।  इसे अजमेर जिले का समुन्द्र कहा जाता हैं।
16. हरसौर बांध:-  नागौर की डेगाना तहसील मे 1959 में निर्माण।  इस बांध से लूणियास व हरसौर नहर विकसीत की गई।
17. अजान बांध:- भरतपुर में सूरजमल जाट द्वारा निर्माण करवाया गया।,  इसका निर्माण बांणगंगा व गंभीरी नदी के पानी को भरतपुर में नहीं आने देने के लिए किया गया।
18. मोतीझील बांध:-  इस बांध का निर्माण रूपारेल नदी पर सूरजमल जाट द्वारा किया गया हैं।, इसे भरतपुर की लाईफ लाईन कहा जाता हैं। इस बांध के द्वारा रूपारेल व बांणगंगा का पानी यू.पी. की ओर निकाला जाता हैं।
19. नंदसमंद बांध:- इसे राजसमंद की जीवन रेखा कहा जाता हैं।,  इस बांध का निर्माण नाथद्वारा (राजसमंद) में बनास नदी के तट पर 1955 में करवाया गया।
20. सीकरी बांध:- यह बांध भरतपुर मे स्थित हैं।, इस बांध द्वारा नगर, कामा, डीग तहसील के अनेक बांधो को भरा जाता है।, यह बांध रूपारेल नदी पर स्थित हैं।
21. लालपुर बांध:- यह भरतपुर में स्थित हैं।, इस बांध को बाणगंगा नदी द्वारा भरा जाता हैै।
22. अजीत सागर बांध:- यह बांध खेतड़ी (झुझुनूं) में स्थित हैं।
23. पन्नालाल शाह का बांध:- यह बांध खेतड़ी (झुझुनूं) में स्थित हैं।