राजस्थान की संस्कृति सामान्य ज्ञान

 1 तेजाजी की घोड़ी का नाम - लीलण

2 पाबूजी की घोड़ी का नाम - केसरकालमी

3 देवजी की घोड़ी का नाम - लीलाधर

4 रामदेवजी के घोड़े का नाम  - लीला घोड़ा/रेवंत

5 एक मात्र लोकदेवता जो कवि भी थे - रामदेवजी (चौबीस बाणियां, इनका प्रसिद्ध ग्रन्थ है)

6 ‘पाबू-प्रकाश’ के रचयिता - आशिया मोड़जी

7 शीषमेड़ी ददरेवा (चूरू) - क्योंकि महमूद गजनवी से युद्ध करते समय लोकदेवता गोगाजी का शीश (सिर) यहाँ गिरा था

8 धुरमेड़ी - नोहर (हनुमानगढ़), क्योंकि युद्ध करते समय गोगाजी का धड़ यहाँ गिरा था। इसे गोगामेड़ी भी कहते है।

9 घोड़ला - तेजाजी के पुजारी को

10 प्लेग रक्षक देवता - पाबूजी

11 कुष्ठ रोग निवारक देवता रामदेव जी

12 फड़ चित्रकारी का प्रमुख केंद्र शाहपुरा (भीलवाड़ा)

13 पाबूजी की फड़ कौन बांचता है व कौन से वाद्य यंत्र से नायक जाति (भीलों में) के भोपे, रावण हत्था वाद्य यंत्र से

14 रामदेवजी की फड़ कौन बांचता है व कौन से वाद्य यंत्र से कामड़ जाति के भोपे, रावण हत्था यंत्र के साथ

15 देवजी की फड़ कौन बांचता है व कौन से वाद्य यंत्र से गुर्जर जाति के भोपे, जंतर वाद्य यंत्र के साथ

16 मांगलियों के ईष्ट देव मेहाजी

17 भूमि रक्षक देवता भोमियाजी

18 वर्षा के देवता मामादेव

19 गोगाजी के पुत्र  केसरिया कुंवर जी

20 रामदेवजी के माता, पिता, पत्नी, भाई, बहन, गुरु का नाम

        माता – मैणा दे

पिता – अजमल जी तंवर

पत्नी – नेतल दे

भाई – वीरम देव

बहन – लाछाबाई, सुगनाबाई व मुहबोली बहन – डाली बाई

गुरु – बालिनाथ

21 गाड़ी की पूजा किसकी - हड़बू जी के पूजा स्थल बैंगटी (फलौदी) में हड़बू जी की छकड़ा गाड़ी की पूजा की जाती है। इसमें हड़बू जी पंगु गायों के लिए दूर-दूर से चारा लाते थे।

22 शेषनाग के अवतार वीर कल्लाजी राठौड़

23 जाहरपीर गोगाजी को, महमूद गजनवी ने कहाँ

24 कृषि कार्यो के उपकारक देवता तेजाजी

25 कृष्ण अवता रामदेवजी

26 लक्ष्मण अवतार पाबूजी

27 चार हाथ वाले लोकदेवता वीर कल्लाजी

28 वर्षा के बाद खेत जोतने से पहले किसके नाम की राखी गोगाजी के नाम की ‘गोगा राखड़ी’ बांधते है।

29 विष्णु का अवतार देवनारायण जी

30 जोधा को तलवार भेंट करने वाले हड़बू जी

31 रामदेवजी ने कौनसा पंथ कागड़ियाँ पंथ चलाया

32 बगड़ावत महाभारत लोक देवता देवनारायण जी के युद्धों से सम्बंधित

33 जम्मा रामदेवजी की आराधना में उनके मेघवाल भक्त ‘रिखियों’ द्वारा किया जाने वाला रात्रिकालीन सत्संग/भजन

34 तेरहताली नृत्य  - कामड़ पंथ की महिलाओं द्वारा बैठकर किये जाने वाले एकमात्र नृत्य जो रामदेवजी की आराधना में किया जाता है

35 गुर्जरों का तीर्थ स्थान -सवाईभोज, आसीन्द (भीलवाड़ा)

36 कौन से लोक देवता मीरा के भतीजे वीर कल्लाजी राठौड़

37 कौन से लोक देवता ने अकबर से युद्ध किया वीर कल्ला जी राठौड़ ने 1567 ई. में उदयसिंह के पक्ष में। जयमल पत्ता सहित शहीद

38 कौनसे लोक देवता ने गजनवी से युद्ध किया गोगाजी

39 लूटेरे लोक देवता डूंग जी – जवाहर जी (सीकर), अंग्रजों से धन लूट कर गरीबो को बांटते थे।

40 लाछा गुर्जर की गायों को किसने छुड़ाया तेजाजी ने मेर के मीणाओं से छुड़ाया

41 देवल चारणी की गायों को किसने छुड़ाया पाबूजी ने अपने बहनोई जिन्दराज खिंची से छुड़ाया

42 गोगाजी का प्रतीक चिन्ह पत्थर पर अंकित सर्प

43 पाबूजी का प्रतीक चिन्ह घोड़े पर सवार हाथ में भाला लिए हुए तथा बायीं ओर झुकी हुई पाग (पगड़ी)

44 रामदेवजी का प्रतीक चिन्ह पगल्यां (पत्थर पर अंकित पैर के निशान

45 बीकानेर के जाखड़ समाज के कुल देवता वीर बिग्गा जी

46 भैरव राक्षस इस मायावी राक्षस का अंत लोक देवता रामदेवजी ने किया

47 सर्पदंश से मृत्यु सुरसरा (किशनगढ़, अजमेर) में जीभ पर साँप के काटने से लोक देवता तेजाजी की मृत्यु हुई

48 ओरण के देवता ; बाबा तल्लीनाथ

49 हड़बू जी का वाहन - सियार

50 गोगा मेड़ी मेला - नोहर (हनुमानगढ़) में भाद्रपद कृष्ण नवमी को

51 ऊँटों के देवता - पाबूजी

52 रामदेवजी की पंचरंगी ध्वजा - नेजा

53 कल्लाजी के गुरु - भैरवनाथ

54 भीलों का प्रयागराज - बेणेश्वर (डूंगरपुर) सोम, माही व जाखम का संगम स्थल

55 मीणाओं का प्रयागराज - रामेश्वर घाट (सवाईमाधोपुर) चम्बल, बनास व सीप का संगम स्थल

56 बिश्नोई समाज का प्रवर्तन कब, कहाँ और किसने - 1485 ई. में, सम्भराथल (बीकानेर), जाम्भोजी ने

57 बिश्नोई सम्प्रदाय कितने नियमो का पालन - 29

58 जसनाथी सम्प्रदाय कितने नियमों का पालन  - 36

59 दादू पंथ के सत्संग स्थल - अलख-दरीबा कहलाते है

60 राजस्थान की राधा - मीराबाई

61 वागड़ की मीरा - गँवरी बाई

62 राजस्थान का कबीर - संत दादू दयाल

63 दादू पंथियों की प्रधान गद्दी - नरायणा (जयपुर)

64 जसनाथ जी को कतरियासर किसने भूदान में दिया  - सिकन्दर लोदी

65 सिद्ध रुस्तमजी ने किसको परचा दिखलाया - औरंगजेब

66 नाई जाति की कुल देवी - नारायणी देवी

67 डामोर के घर - घेर

68 सहरिया के घर - टापरी

69 भीलों के घर - कू

70 52 स्तम्भ - रामानंद जी के शिष्यों को

71 राजस्थान में भक्ति आन्दोलन के प्रणेता - संत धन्ना (रामानंद जी के शिष्य)

72 हरडेबानी रज्जब जी (दादू दयाल जी के शिष्य) द्वारा रचित

73 निष्कलंक सम्प्रदाय - संत मावजी द्वारा स्थापित

74 रामस्नेही सम्प्रदाय के प्रवर्तक - संत रामचरण (शाहपुरा, भीलवाड़ा)

75 संत पीपाजी - गागरोन (झालावाड़) में जन्म, समदड़ी (बाड़मेर) में मंदिर, वास्तविक नाम – प्रतापसिंह

76 हाकड़ा समुन्द्र को आचमन - आवड़ माता (जैसलमेर) ने

77 शीतला माता की सवारी व पुजारी - सावरी – गधा, पुजारी – कुम्हार

78 मीणा किसकी झूठी कसम नहीं खाते ? - भूरिया बाबा (गौतमेश्वर) की

79 भील किसकी झूठी कसम नहीं खाते ? केसरिया नाथ जी (धुलेव, उदयपुर) पर चढ़ी केसर का पानी पीकर

80 कंजर किसकी झूठी कसम नहीं खाते ? हाकिम राजा का प्याला पी कर

81 दशहरे को कौन से पक्षी लीलटांस पक्षी का दर्शन शुभ माना जाता है

82 ‘अरजन-सुरजन’ किसके भाई गोगाजी के मौसेरे भाई

83 गोड़िया सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ गोविन्द जी का मंदिर (जयपुर)

84 रामानंद सम्प्रदाय का प्रमुख पीठ गलता जी (जयपुर)

85 निम्बार्क सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ सलेमाबाद (अजमेर), इसे राधावल्लभ सम्प्रदाय व सनकादि सम्प्रदाय भी कहते है।

86 रामस्नेही सम्प्रदाय की पीठें

1 – रैण (नागौर) – संत दरियाव जी

        2 – शाहपुरा (भीलवाड़ा) – संत रामचरण

        3 – सिंहथल (बीकानेर) – हरिराम जी

        4 – खेड़ापा (जोधपुर) – रामदास जी

87 पुष्टि मार्ग का प्रमुख केंद्र नाथद्वारा (राजसमन्द)

88 लालदासी सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ नगला (भरतपुर)

89 जाम्भोजी ने बिश्नोई पंथ को कहा प्रहलाद पंथी बिश्नोई

90 शिला देवी का मंदिर - जयपुर, पूर्वी बंगाल के राजा केदार को हराकर जयपुर के राजा मानसिंह प्रथम यह मूर्ति लाये

91 करणीमाता का मंदिर देशनोक (बीकानेर),  - चारण समाज की कुलदेवी

92 समय अंकित सर्वप्राचीन मंदिर - शीतलेश्वर महादेव मंदिर (689 ई.)

93 राणी सती का मंदिर - झुंझुनू

94 केला देवी का मंदिर - करौली

95 जैन स्वर्ण मंदिर - फालना (पाली)

96 स्थापत्य कला का जनक - राणा कुम्भा

97 राजस्थान का जिब्राल्टर - तारागढ़ (अजमेर)

98 किलों का सिरमौर - चित्तोडगढ़, सोनारगढ़ (जैसलमेर)

99 ‘यह दुर्ग इतनी बुलन्दी…..’ कुम्भलगढ़ (राजसमन्द) किले की अत्यधिक ऊंचाई को देखते हुए अबुल फजल ने कहा “यह दुर्ग इतनी बुलन्दी पर बसा हुआ है कि नीचे से देखने पर सिर की पगड़ी गिर जाती है।”

100 मेवाड़ की आँख कटारगढ़ (कुम्भलगढ़) को

101 ‘अन्य सब दुर्ग नंगे …’ - रणथम्भौर दुर्ग (सवाई माधोपुर) के सात पहाड़ियों से घिरे होने के कारण अबुल फजल ने कहा “अन्य सब दुर्ग नंगे है, यह बख्तर बंद है।“

102 भवाई नृत्य के जन्मदाता- बाघा जी

103 प्रसिद्ध बहरूपिया कलाकार - भवाई नृत्य के जन्मदाता- जानकीलाल भांड (भीलवाड़ा), धनरूप भांड (जोधपुर)

104 पाटा संस्कृति - बीकानेर की देन

105 रस्मतें - रस्मतें मूल रूप से जैसलमेर की देन है। बीकानेर में भी प्रचलित। होली के समय रस्मत खेलने वालों को खेलार कहा जाता है।

106 तमाशा - जयपुर के बंशीधर भट्ट प्रवर्तक, मूलतः मध्यप्रदेश की कला

107 चारबैंत लोकगायन शैली - टोंक

108 कुचामणी ख्याल के प्रवर्तक - लच्छीराम

109 शेखावटी ख्याल के प्रवर्तक - नानूलाल गंधर्व

110 हेला ख्याल कहाँ - सवाई माधोपुर

111 कन्हैया ख्याल - भरतपुर

112 गुणी जन खाना- जयपुर के सवाई प्रतापसिंह के समय संगीत के 22 कलाकारों को गंधर्व बाईसी/गुणीजन खाना कहते थे।

113 गवरी नृत्य के अन्य नाम -राई नृत्य, राई पुरिया नृत्य

114 धनरूप भांड - मारवाड़ के राजा मानसिंह ने इसे जागीर प्रदान की।

115 टेरीकोटा - टेरीकोटा की मूर्तियाँ के लिए प्रसिद्ध स्थान मोलेला गाँव (राजसमन्द) है। मोहनलाल इसके प्रसिद्ध कलाकार है।

116 अजरख प्रिंटिंग - बाड़मेर

117 बगरू - बेल बूंटों की ठप्पा प्रिंटिंग के लिए प्रसिद्ध बगरू गाँव जयपुर में है।

118 सांगानेरी छीपे - नामदेवी छीपे कहलाते है

119 ब्ल्यू पॉटरी - जयपुर, कृपाल सिंह शेखावत व अनिल दोराया इसके प्रसिद्ध कलाकार है। यह कला मूलतः पर्शिया (ईरान) की देन है

120 ब्लैक पॉटरी - कोटा

121 कागजी - अलवर, पतले बर्तन बनाने की कला को

122 जस्मा ओडन - भवाई नृत्य पर आधारित शांता गाँधी का नाटक

123 राजस्थानी का उद्भव किस अपभ्रंश से - शौरसेनी अपभ्रंश से

124 देलवाड़ा के जैन मंदिर - माउन्ट आबू (सिरोही)

125 तीर्थों का मामा - पुष्कर (अजमेर)

126 तीर्थों का भांजा - मंचकुण्ड (धौलपुर)

127 बीकानेर में RTDC का होटल - ढोला-मारू

128 अजमेर में RTDC का होटल - खादिम, खिदमत

129 जयपुर में RTDC का होटल - गणगौर, स्वागतम, तीज

130 जोधपूर में RTDC का होटल - घूमर

131 सरिस्का (अलवर) में RTDC का होटल - टाइगर डेन

132 नाथद्वारा (राजसमन्द) में RTDC का होटल - गोकुल

133 जैसलमेर में RTDC का होटल - मूमल

134 पुष्कर में RTDC का होटल - सरोवर, पर्यटक ग्राम

135 रणकपुर (पाली) में RTDC का होटल- शिल्पी

136 रामगढ़ (जयपुर) में RTDC का होटल-  झील ग्राम

137 उदयपुर में RTDC का होटल - कजरी

138 ऋषदेव (उदयपुर) में RTDC का होटल - गवरी

139 सिलीसेढ़ (अलवर) में RTDC का होटल - लेक पैलेस

140 भरतपुर में RTDC का होटल - सारस

141 माउन्ट आबू में RTDC का होटल - शिखर, पुरजन निवास

142 हल्दीघाटी (राजसमन्द) में RTDC का होटल -चेतक

143 चित्तोडगढ़ में RTDC का होटल -पन्ना

144 सवाई माधोपुर में RTDC का होटल -विनायक

145 फतेहपुर (सीकर) में RTDC का होटल -हवेली

146 पाली में RTDC का होटल -पणिहारी

147 झालावाड़ में RTDC का होटल -चन्द्रावती

148 बाड़मेर में RTDC का होटल -खड़ताल

149 नागौर में RTDC का होटल -कुरजां

150 चूरू में RTDC का होटल -चिरमी

151 प्रथम हेरिटेज होटल -अजित भवन (जोधपुर)

152 हॉर्स सफारी -पुष्कर (अजमेर), कार्तिक पूर्णिमा

153 ऊँट महोत्सव - बीकानेर, पौष पूर्णिमा

154 थार महोत्सव - बाड़मेर, मार्च

155 मरू महोत्सव - जैसलमेर, माघ पूर्णिमा

156 हाथी महोत्सव - जयपुर, फाल्गुन पूर्णिमा (होली)

157 गणगौर महोत्सव - जयपुर, उदयपुर, चैत्र शुक्ल तृतीया

158 मारवाड़ महोत्सव

159 ग्रीष्म महोत्सव माउन्ट आबू में 1 से 3 जून

160 बादशाह मेला ब्यावर, धुलण्डी के दो दिन बाद

161 बादशाह की सवारी कोटा, होली पर

162 गणेश चतुर्थी भाद्रपद शुक्ल 4

163 हरियाली अमावस्या श्रावण अमावस्या

164 बच्छबारस भाद्रपद कृष्णा 12

165 जन्माष्टमी भाद्रपद कृष्ण 8

166 गुरु पूर्णिमा आषाढ़ पूर्णिमा

167 शरद पूर्णिमा आश्विन पूर्णिमा

168 अक्षय तृतीय वैशाख शुक्ल 3

169 हाड़ोती का सबसे बड़ा मेला सिताबाड़ी मेला (बारां), सहरियों का कुंभ, ज्येष्ठ अमावस्या को

170 सिक्खों का सबसे बड़ा मेला साहवा का मेला (चूरू)

नोट : राजस्थान का सबसे बड़ा गुरुद्वारा बुड्ढा जोहड़ (श्रीगंगानगर)


171 देव शयनी एकादशी आषाढ़ शुक्ल 11

172 देव उठनी एकादशी कार्तिक शुक्ल 11

173 बुद्ध पूर्णिमा वैशाख पूर्णिमा

174 अनन्त चतुर्दशी भाद्रपद शुक्ला 14

175 ब्राह्मणी माता का मंदिर बारां, पीठ की पूजा

176 जीणमाता का मंदिर रेवासा धाम (सीकर) प्रतिदिन ढाई प्याले शराब पिलाने का रिवाज

177 मारवाड़ी व्याकरण के रचयिता रामकरण आसोपा

178 “टाबराँ री बाताँ” के रचयिता लक्ष्मी कुमारी चुण्डावत

179 “रूठी रानी” के रचयिता केसरीसिंह बारहठ

180 राजस्थानी शब्दकोष सीताराम लालस

181 कान्हडदे प्रबंध कवि पद्मनाथ

182 गंगा लहरी के रचयिता पृथ्वीराज राठौड़

183 सती रासौ के रचयिता  - सूर्यमल्ल मिश्रण

184 खुमाण रासौ के रचयिता दलपति विजय

185 विजयपाल रासौ के रचयिता नल्लसिंह

186 हमीर रासौ के रचयिता शारंगधर (जोधराज)

187 वीर विनोद के रचयिता श्यामलदास

188 वैराग्य सागर के रचयिता नागरीदास

189 हम्मीर महाकाव्य के रचयिता नयचन्द्र सुरि

190 “सेनाणी”, “चंवरी” के रचयिता मेघराज मुकुल

191 “कनक सुन्दर” के रचयिता शिवचंद भरतिया

192 “हूँ गोरी किण पीव री” के रचयिता यादवेन्द्र शर्मा ‘चन्द्र’

193 “ढोला मारू रा दूहा” के रचयिता कवि कल्लोल

194 “बातां री फुलवारी” के रचयिता विजयदान देथा

195 “राजिया रा सोरठा” के रचयिता कृपाराम

196 “मैकती काया मुलकती धरती” के रचयिता अन्नाराम सुदामा

197 “पगफैरों” “सुधि सपनों के तीर” के रचयिता मणि मधुकर

198 “एक बीनणी दो बींद” के रचयिता श्री लाल नथमल जोशी

199 “प्रबंध चिंतामणि” के रचयिता मेरुतुंग (भौज परमार के राजकवि)

200 “सुर्जन चरित्र” के रचयिता कवि चंद्रशेखर

201 राजस्थानी चित्रकला का सबसे पहला वैज्ञानिक विभाजन 1916 ई. में आनन्द कुमार स्वामी ने अपनी पुस्तक “राजपुताना पेंटिंग्स” में किया

202 “बणी-ठणी” पेंटिंग किशनगढ़ (अजमेर) के राजा सावंतसिंह (नागरीदास) के समय चित्रकार निहालचन्द ने बनायीं। जिसे एरिक डिक्शन ने भारतीय मोनालिसा कहा

203 पिछवाई चित्र कला शैली नाथद्वारा (राजसमन्द)

204 मथेरणा कला जैन पेंटिंग, बीकानेर से सम्बंधित

205 पशु-पक्षियों के महत्व वाली शैली बूंदी शैली

206 बर्ड राइडर रॉक पेंटिंग छाजा नदी के किनारे, गरड़दा (बूंदी) से

207 बूंदी में चित्रशाला महाराव उम्मेदसिंह के समय

208 मुग़ल शैली का सर्वाधिक प्रभाव जयपुर शैली पर

209 “साहिबराम” चित्रकार जयपुर के महाराजा इश्वरिसिंह के समय हुआ, जो आदमकद चित्र बनता था।

210 बादला जोधपुर में जस्ता द्वारा निर्मित ठण्डे पानी की बोतल

211 मलीर प्रिंट बाड़मेर जोधपुर में जस्ता द्वारा निर्मित ठण्डे पानी की बोतल

212 पेचवर्क शेखावटी प्रदेश (सीकर, चूरू, झुंझुनू)

213 गोटा किनारी खण्डेला (सीकर)

214 उस्ता कला ऊँट की खाल पर सोने की मीनाकारी (बीकानेर)

«हिसामुद्दीन उस्ता कला के प्रमुख कलाकार है।

215 थेवा कला काँच पर सोने की मीनाकारी (प्रतापगढ़, चित्तोडगढ़)

«नथमल सोनी प्रसिद्ध कलाकार

216 काष्ठ कला के लिए प्रसिद्ध बस्सी गाँव चित्तोडगढ़ में

217 कोफ्तगिरी फौलाद की बनी वस्तुओं पर महीन तारों की जड़ाई (जयपुर, अलवर)

218 मेवाड़ चित्र शैली में किस रंग को प्रधानता लाल रंग

219 “तस्वीरां रो कारखानों” जयपुर (जगतसिंह के समय स्थापित कला विद्यालय)

220 मेवाड़ चित्रशैली का स्वर्णयुग अमर सिंह प्रथम का काल

221 शिकार शैली कोटा शैली

222 कुप्पी ऊँट की खाल से बना जल पात्र (बीकानेर)

223 भीलों की बोली बागड़ी

224 मेवाती बोली अलवर

225 मालवी बोली झालावाड़, प्रतापगढ़, चित्तोडगढ़

226 सिपाड़ी बोली शाहपुरा, भीलवाड़ा

227 सबसे अधिक क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली मारवाड़ी

228 “हाँ चाँद मेरा है।” हरिराम मीणा की रचना

229 रूपायन संस्थान बोरुन्दा (जोधपुर), 1960 ई. में विजय दान देथा व कोमल कोठारी द्वारा स्थापित

230 शिव-पार्वती का वाद्य मांदल

231 तार वाले वाद्य तत् वाद्य

232 फूंक वाले वाद्य सुषिर वाद्य

233 चोट या आघात वाले वाद्य घन वाद्य

234 चमड़े से मढ़े हुए ताल वाद्य अवनद्य वाद्य

235 मोहण वीणा ग्रैमी अवार्ड विजेता जयपुर के पं. विश्वमोहन भट्ट द्वारा आविष्कृत

236 गोड़वाड़ क्षेत्र के लोक-नर्तक ‘समर-नृत्य’ करते समय पावों में क्या बांध कर नाचते है ? रमझौला (घुंघरुओं की पट्टी) व हाथ में तलवार

237 ‘लेजिम’ किस जनजाति का वाद्य गरसिया

238 घंटी बाजा श्रीमण्डल (झाड़ूनुमा वाद्य यंत्र)

239 कामड़ महिलाओं व पुरुषों का वाद्य झांझ, तंदुरा

240 खड़ताल का जादूगर सद्दीक खां

241 प्रसिद्ध नगाड़ा वादक रामाकिशन (पुष्कर)

242 सबसे बड़ा लोक वाद्य बंब/टामक

243 वालर नृत्य सिरोही

244 ढोल नृत्य जालौर

245 गैर नृत्य मेवाड़, बाड़मेर

246 डाण्डिया नृत्य जोधपुर

247 गीदड़ नृत्य सीकर

248 पटवों, नथमल, सालिमसिंह की हवेली जैसलमेर

249 रामपुरिया, बच्छावतों की हवेली बीकानेर

250 बागोर की हवेली उदयपुर

251 सुनहरी कोठी टौंक

252 सरिस्का अभ्यारण्य में स्थित मंदिर पाण्डुपोल हनुमान जी का मंदिर, ताल वृक्ष मंदिर, भर्तृहरि का मंदिर, नीलकंठ महादेव मंदिर

253 नौ ग्रहों का मंदिर किशनगढ़ (अजमेर)

254 सास-बहू का मंदिर नागदा (उदयपुर), मूलनाम –सहस्त्रबाहु मंदिर

255 दधिमती माता का मंदिर गोठ मांगलोद, नागौर – दाधिच ब्राह्मणों की कुल देवी

256 चौहानों की कुल देवी आशापुरा माता (नाडोल, पाली)

257 कच्छवाहों की कुल देवी जमवाय माता

258 मेवाड़ राजघराने की कुल देवी बाणमाता

259 राठौड़ों की कुल देवी नागणेची माता

260 जैसलमेर के भाटियों की कुल देवी स्वांगिया माता

261 यादवों की कुल देवी अंजनीमाता

262 खण्डेलवालों की कुल देवी सकराय माता

263 शारदा माता का मंदिर पिलानी (झुंझुनू)

264 सोमनाथ मंदिर पाली

265 देव सोमनाथ मंदिर डूंगरपुर

266 केसरिया नाथ जी का मंदिर धूलेव/ऋषभदेव (उदयपुर)

267 सिरवी समाज की कुल देवी आईमाता (बिलाड़ा, जोधपुर)

268 पुष्करणा ब्राह्मणों की कुल देवी लटियालमाता (फलौदी, जोधपुर)

269 ओसवालों की कुल देवी सच्चियाय माता (ओसियां, जोधपुर)

270 टॉड ने ताजमहल के बाद दूसरा प्रमुख भवन बताया दिलवाड़ा (माउंट आबू) के विमलशाही मंदिर को कहा

271 विभीषण का मंदिर कैथून (कोटा)

272 खण्डित शिवलिंग की पूजा बेणेश्वर महादेव मंदिर (डूंगरपुर)

273 ब्रह्मा खड्ड अचलेश्वर महादेव का मंदिर (माउन्ट आबू)

274 शिवाजी के अंगूठे की पूजा अचलेश्वर महादेव का मंदिर (माउन्ट आबू)

275 जयपुर की काशी गलता जी

276 इकमीनर मस्जिद जोधपुर

277 मीठेशाह की दरगाह गागरोण (झालावाड़)

278 पीर दूल्लेशाह की दरगाह केरला (पाली)

279 शक्कर पीर बाबा की दरगाह नरहड़, चिड़ावा (झुंझुनू)

280 नालीसर मस्जिद सांभर (जयपुर)

281 जामा मस्जिद शाहबाद (बारां), सबसे बड़ी मस्जिद

282 गमतागाजी की मीनार जोधपुर

283 फखरुद्दीन की दरगाह गलियाकोटा (डूंगरपुर)

284 उषा मस्जिद, उषा मंदिर बयाना (भरतपुर)

285 अलाउद्दीन की मस्जिद जालौर

286 अकबर की मस्जिद आमेर (जयपुर)

287 बढ़ार का भोज वरपक्ष द्वारा शादी के अगले दिन दिया जाता है

288 बरी-पड़ला वधू पक्ष ससुराल से आने वाले वस्त्र

289 पहरावणी/रंगबरी वधू पक्ष द्वारा बारातियों को दिया जाने वाला उपहार

290 डावरिया दहेज में दासियाँ/कुंवारी कन्याएँ देने की प्रथा

291 मोसर मृत्युभोज

292 जोसर जीते जी मृत्युभोज

293 अंगरखी का अन्य नाम बुगतरी

294 पन्ने की सबसे बड़ी मंडी जयपुर

295 डेरू वाद्य का सम्बन्ध किस देवता से गोगाजी

296 केर की लकड़ी का फूंक वाद्य यंत्र सतारा

297 दो बांसुरी का वाद्य अलगोजा

298 नड़ का प्रसिद्ध कलाकार कार्णा भील (जैसलमेर)

299 चरवाहों का जातिय वाद्य अलगोजा

300 नागफणी क्या है ? सुषिर वाद्य (नाग के आकर का)

301 लोहे की कड़ी से बना वाद्य मोरचंग / मुखचंग

302 बकरी की खाल से बना थेलेनुमा वाद्य मशक

303 भेरू जी के भोपों का वाद्य मशक

304 कद्दू की गोल तुम्बी में बांस फँसाकर इकतारा वाद्य यंत्र बना जाता है।

305 नारियल के आधे कटोरे पर खाल मढ़कर रावणहत्था वाद्य यंत्र बनाया जाता है।

306 रोहिड़ा की खोखली लकड़ी से बना वाद्य चौतास/तंदूरा/वीणा

307 ‘मत्त कोकिल वीणा’ का वर्तमान नाम सुरमण्डल/स्वरमण्डल

308 मेव लोगों का वाद्य चिकारा (सारंगी का छोटा रूप) तुन लकड़ी से बनता है।

309 भपंग का जादूगर जहूर खां मेवाती (अलवर)

310 प्रसिद्ध तेरहताली नर्तकियाँ माँगी बाई, दुर्गा देवी

311 उमा शर्मा कत्थक नृत्य

312 श्रेष्ठा सोनी भवाई नृत्य

313 फलकुबाई चरी नृत्य

314 गुलाबो कालबेलिया नृत्य

315 चाँद मोहम्मद खां शहनाई वादक

316 कमल साकर खां कमायचा वादक

317 पेपे खां सुरणई वादक

318 गुलिस्तां शेखसादी द्वारा जवाहरतों की स्याही से लिखा काव्य वर्तमान में अलवर में रखा है।

319 न्हाण महोत्सव सांगोद (कोटा) में होली पर

320 लव-कुश का जन्म स्थान सिताबाड़ी (बारां)

321 कनफड़े नाथों का तीर्थस्थल भर्तृहरि (अलवर)

322 केला देवी की आराधना में कौन सा गीत लांगुरिया

323 सर्वाधिक सांसी जनजाति भरतपुर

324 बत्तीसी वर/वधू के ननिहाल में निमंत्रण देने जाना।

325 तुलसी पूजन कार्तिक शुक्ला 11

326 भैया दूज कार्तिक शुक्ला 2

327 हरियाली अमावस्या श्रावण अमावस्या

328 बड़ अमावस्या ज्येष्ठ अमावस्या

329 ख्वाजा साहब का उर्स रज्जब की पहली तारीख से नौवीं तारीख तक

330 माता कुण्डालिनी का मेला वैशाख पूर्णिमा, रासमी (चित्तोडगढ़)

331 गधों का मेला भावगढ़ बन्ध्या लुणियावास (जयपुर), अक्टूबर माह में।

332 “शिशुपाल वध” के रचयिता महाकवि माघ

333 सर्वप्राचीन मस्जिद अलाउद्दीन की मस्जिद (1311) जालौर

334 सर्वाधिक डामोर जनजाति सीमलवाड़ा (डूंगरपुर)

335 सर्वाधिक मीणा जनजाति जयपुर

336 सर्वाधिक सहरिया जनजाति बारां (शाहबाद व किशनगंज)

337 सर्वाधिक गरासिया जनजाति सिरोही (आबू व पिण्डवाड़ा)

338 सर्वाधिक कथौड़ी जनजाति उदयपुर

339 सर्वाधिक भील जनजाति उदयपुर

340 टूंटिया बारात जाने के पश्चात पीछे घर में वर पक्ष की महिलाओं द्वारा किया जाने वाला स्वांग

341 मंकी मेन जानकीलाल भांड को (भीलवाड़ा)

342 संगीत दंगल तालबन्दी गायिकी है, पूर्वी राजस्थान में प्रसिद्ध

343 हाड़ोती का सुरंगा मेला चन्द्र भागा पशु मेला (झालावाड़), कार्तिक पूर्णिमा

344 सपेरे नाथों के गुरु कणीपाव/कृष्णपाद

345 जुरहरा की रामलीला सवारी जुलुस के लिए प्रसिद्ध, भरतपुर

346 मूकाभिनय के लिए प्रसिद्ध रामलीला बिसाऊ (झुंझुनू)

347 अटरू के रामलीला की विशेषता : अटरू (बारां) की रामलीला को ‘धनुष लीला’ कहते है जिसमे शिवधनुष को दर्शक तोड़ते है।

348 चुनरी कहाँ की प्रसिद्ध : जोधपुर

349 मसूरिया डोरियाँ की साड़ियाँ : कैथून (कोटा)

350 कसूमल रंग : गहरा केसरिया रंग/लाल रंग

351 फतै-फतै : जसनाथी सिद्ध घूणा की अग्नि में प्रवेश करते समय बोलते है।

352 सिकलीगर घराना : उदयपुर, चाँदी के शस्त्र बनाने हेतु विख्यात

353 सवाल-जवाब वाली ख्याल : तुर्रा-कलंगी

354 संत तारकीन शाह की दरगाह : नागौर

355 क्लॉथ आर्ट के प्रणेता : कैलाश जागेटिया

356 जौहर बाई व बन्नो बैगम : जयपुर की प्रसिद्ध मांड गायिका

357 अल्लाह जिल्लाह बाई : बीकानेर की प्रसिद्ध मांड गायिका

358 गवरी देवी  : जोधपुर की प्रसिद्ध मांड गायिका

359 किशन शर्मा : बेंगू (चित्तोडगढ़) का, राई व चावल के डेन पर चित्र बनाने के लिए प्रसिद्ध

360 सिन्धी, गुजरातन, डेढ़पसली किसके प्रकार : सारंगी

361 भोपे किसे देवताओं का वाद्य कहते है ? : जंतर को (भोपों का प्रमुख वाद्य यंत्र रावणहत्था है )

362 चेचक निवारक देवी : शीतलामाता

363 भीलों का छोटा गाँव : पाल

364 ‘मीणा’ का शाब्दिक अर्थ मछली

365 ‘भील’ का शाब्दिक अर्थ बील (तीर-कमान)

366 टॉड ने किसे वनपुत्र भील को

367 कंजर का शाब्दिक अर्थ काननचार अर्थात् जंगल में विचरण करने वाला

368 मीणा पुराण मुनि मगन सागर द्वारा रचित

369 भीलों की तंग धोती ढेपाड़ा कहलाती है

370 ‘फाइरे-फाइरे’ भील जनजाति का रणघोष

371 पाती मांगना कंजर जनजाति द्वारा लूट से पहले ईश्वर का आशीर्वाद लेना व लूट में हिस्सेदारी (पाती) का वायदा करना

372 हुर्रे गरसिया लोगों का मृत्यु के बाद बना स्मारक

373 बीजा और माला साँसी जनजाति के दो भाग

374 हमेलो आदिवासियों का लोकानुरंजन मेला, उदयपुर में

375 अपराध वृत्ति के लिए कुख्यात जनजाति कंजर

376 टोटम भील जनजाति के लोकदेवता/पशु-पक्षी, पेड़-पौधों को पवित्र मानकर पूजा करना

377 कत्था बनाने वाली जनजाति कथौड़ी (उदयपुर)

378 डामोर जनजाति की पंचायत का मुखिया मुखी

379 गरासिया का मृत्युभोज कांदिया

380 भराड़ी भीलों के विवाह पर बनाया जाने वाला देवी का भित्ति चित्र

381 पारिख दुर्ग जिसका चारों तरफ गहरी खाई हो

382 धान्वन दुर्ग जिसके चारों तरफ रेत के टीले हो

383 सहाय दुर्ग जिसमें सहायक/रिश्तेदार रहते है

384 गिरी दुर्ग पहाड़ी पर बना दुर्ग

385 उड़णा कुंवर पृथ्वीराज (मेवाड़ के रायमल का पुत्र)

386 अजय दुर्ग लोहागढ़ (भरतपुर)

387 जिस दुर्ग के दरवाजे दुश्मन नहीं खोल सके जालौर का दुर्ग

388 गर्भ गुंजन तोप बूंदी

389 मिट्टी का किला  लोहागढ़ (भरतपुर)

390 नकटी माता का मंदिर जयपुर में

391 शुक्र तालाब 1570 में अकबर ने नागौर में बनवाया

392 राजस्थान का पहला हिन्दी उपन्यास अबलाओं का इंसाफ (1927 में अंबिकादत्त व्यास द्वारा रचित)

393 ‘वाग्द्वार’ के रचयिता प्रो. कल्याणमल लोढ़ा

394 ‘रंगीला मारवाड़’ भरत व्यास द्वारा रचित

395 पीपाजी का जन्म स्थान गागरोण (झालावाड़)

396 रामदेवजी का जन्म स्थान उण्डू काश्मीर (बाड़मेर)

397 पाबूजी का जन्म स्थान कोलूमण्ड गाँव (फलौदी, जोधपुर)

398 तेजाजी का जन्म स्थान खरनाल (नागौर)

399 सबसे बड़ा पशु मेला वीर तेजाजी पशु मेला (परबतसर, नागौर)

400 बड़ी तीज भाद्रपद कृष्ण 3

401 छोटी तीज श्रावण शुक्ला 3

402 जन्माष्टमी भाद्रपद कृष्ण 8

403 रामनवमी चैत्र शुक्ला 9

404 नव वर्ष चैत्र शुक्ल 1

405 श्राद्ध पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से अश्विन अमावस्या तक

406 विजयदशमी आश्विन शुक्ल 10

407 समन्वय धाम जोधपुर में स्थित आध्यात्मिक केंद्र

408 कलीला-दमना मेवाड़ चित्रकला शैली के दो पात्र

409 भवानी नाट्यशाला झालरापाटन (झालावाड़), पारसी ऑपेरा शैली में 1921 में झाला भवानी सिंह द्वारा निर्मित

410 बेयर फुट संस्थान तिलोनिया गाँव (अजमेर)में, बंकट राय द्वारा स्थापित

411 जयपुरी फुट के निर्माता डॉ. प्रमोदकरण सेठी

412 हेरिटेज सिटी (विरासत का शहर) झालरापाटन (झालावाड़)

413 सूँघनी नसवार ब्यावर (अजमेर)

414 बांसीदुगारी तेजाजी की कर्म स्थली, बूंदी में

415 मूमल की मेड़ी लोद्रवा (जैसलमेर)

416 मरवण कहाँ की थी ? बीकानेर के पूगल प्रदेश के राजा पिंगल की बेटी

417 घोड़े वाला बाबा कर्नल जेम्स टॉड

418 मेहन्दीपुर बालाजी दौसा

419 पंजाबी अकादमी गंगानगर

420 नाहर नृत्य भीलवाड़ा में (होली के 13 दिन बाद)

421 अंकन संस्था भीलवाड़ा (चित्रकला विकास हेतु)

422 अनूप संस्कृत लाइब्रेरी व सार्दुल संग्रालय बीकानेर

423 राजस्थान राज्य अभिलेखागार का मुख्यालय बीकानेर

424 शेरशिकार गुरुद्वारा मचकुण्ड (धौलपुर)

425 अलाउद्दीन आलमशाह का मकबरा तिजारा (अलवर)

426 तालाबशाही झील धौलपुर

427 रामदेवजी की मुह बोली बहन डाली बाई

428 घोड़ों का तीर्थ स्थान गुढ़ा मालानी, आलमजी का धोरा (बाड़मेर)

429 फुल देवरा मंदिर अटरू (बारां), इसे मामा-भांजा मंदिर भी कहते है

430 कांकणबाड़ी किला अलवर में यही पर औरंगजेब ने दाराशिकोह को कैद करके रखा था

431 वैष्णव तीर्थ स्थान “खेड़” बाड़मेर

432 परमारों की राजधानी अर्थूणा बाँसवाड़ा

433 आदिवासियों का कुंभ बेणेश्वर महादेव मेला (डूंगरपुर) माघ पूर्णिमा को

434 सहरिया जनजाति का कुंभ सिताबाड़ी (बारां) ज्येष्ठ अमावस्या को

435 बिश्नोईयों का कुंभ मुकाम (बीकानेर), आसोज व फाल्गुन की अमावस्या को

436 जैनियों का सबसे बड़ा मेला श्री महावीर जी (हिण्डोनसिटी, करौली) चेत्र शुक्ल 13 को

437 तिलिस्वां महादेव का मंदिर भीलवाड़ा

438 रणछोड़ दास जी का प्रसिद्ध मंदिर खेड़ (बाड़मेर)

439 कोडमदेसर भैरूजी का मंदिर बीकानेर

440 देवल चारणी की गायों को किसने छुड़ाया पाबूजी ने

441 अमिताभ बच्चन की फड़ मारवाड़ के भोपा राजमल व भोपी पतासी ने बाँची व शाहपुरा (भीलवाड़ा) के जोशी परिवार ने बनायीं

442 गोगामेड़ी की बनावट मकबरेनुमा

443 रामदेवजी के पैदल यात्री जातरू कहलाते है

444 हुणहुँकार तोप धौलपुर के राजा कीरत सिंह के समय सीताराम कारीगर द्वारा निर्मित, वर्तमान में धौलपुर के इन्दिरा पार्क में

445 हड़बू जी का पूजा स्थल बेंगटी (फलौदी)

446 तेजाजी की पत्नी पैमल दे (पनेर, अजमेर)

447 मल्लीनाथ जी के गुरु उगम सिंह भाटी

448 त्रिलोक दीपक रणकपुर के जैन मंदिर

449 मांगलियावास का मेला अजमेर में, जहाँ 800 वर्ष पुराना कल्पवृक्ष का जोड़ा है। श्रावण अमावस्या (हरियाली अमावस्या) को मेला

450 सालासर बालाजी का मंदिर चूरू

451 गोगाजी की ओल्डी सांचौर (जालौर)

452 पुष्टि मार्ग का जहाज सूरदास को विट्ठलनाथ ने कहा

453 भीलों का खेल नृत्य नेजा नृत्य

454 कच्छी घोड़ी नृत्य शेखावटी

455 जगदीश मंदिर उदयपुर

456 राजस्थान की आत्मा घूमर नृत्य

457 रामदेवजी के पूजा स्थल रुणेचा (जैसलमेर), उण्डु काश्मीर (बाड़मेर), बिठुजा (बालोतरा, बाड़मेर), सूरताखेड़ा (चित्तोडगढ़), बिराठिया (पाली)

458 हड़बू जी को बेंगटी किसने प्रदान की राव जोधा ने

459 कौन से लोकदेवता ने फिरोजतुगलक से युद्ध किया ? मल्लीनाथ जी

460 साँत ध्वजों का नाथ श्री नाथ जी (नाथद्वारा)

461 अष्टछाप शिरोमणि कवि सूरदास

462 थार की वैष्णों देवी तनोट माता

463 राजस्थान का भुवनेश्वर ओसियाँ, भुवनेश्वर की तर्ज पर कोणार्क मंदिर होने के कारण

464 ‘स्वतंत्र बावनी’ के रचयिता तेजकवि (जैसलमेर)

465 मेरवाड़ा प्रदेश का सबसे बड़ा मेला पुष्कर मेला

466 सतबीस देवरिया चित्तोडगढ़ में, जैन धर्म का मंदिर, सतबीस (7+20 = 27 मंदिर)

467 राजस्थान की छोटी काशी बूंदी, द्वितीय काशी भी इसे ही कहा जाता है

468 सर्वाधिक प्रसिद्ध अन्नकूट श्रीनाथजी के मंदिर (नाथद्वारा) कार्तिक शुक्ला 1 को

469 जयपुरी ख्याली गायकी के प्रवर्तक रज्जब अली खां

470 सुरजीत कौर चौयल पहली हिन्दुस्तानी चित्रकार जिनकी पेंटिंग जापान की कला दीर्घा में प्रदर्शित की गयी

471 माउंट एवरेस्ट ऑफ़ म्यूजिक जयपुर के प्रसिद्ध गायक व संगीत सम्राट उस्ताद अल्लादिया खां

472 सबसे लोकप्रिय फड़ पाबूजी की फड़

473 सबसे लम्बी फड़ देवनारायण जी की फड़

474 आधुनिक चित्रकला को प्रारंभ करने का श्रेय कुंदनलाल मिस्त्री

475 राजस्थान चित्रकला का उद्गम स्थल मेवाड़

476 खजूर के वृक्ष किस शैली में बूंदी/कोटा

477 नैड़ा की छतरियाँ अलवर

478 ऊनी कालीन बीकानेर

479 प्रसिद्ध घुड़सवार रघुवीर सिंह, गुलाम मोहम्मद खान

480 सुनितापुरी, वर्षा सोनी हॉकी खिलाडी

481 रीमा दत्ता, भक्ति शर्मा प्रसिद्ध तैराक

482 महाराव भीमसिंह, करणीसिंह, राजश्री कुमारी निशानेबाज

483 लिंबाराम तीरंदाज

484 सलीम दुर्रानी, गगन खोड़ा क्रिकेटर

485 श्रावण में ओढ़नी लहरिया

486 आतमसुख सर्दी में ओढ़ा जाता है। सबसे प्राचीन आतमसुख सिटी पैलेस (जयपुर) में रखा है।

487 पगड़ी मेवाड़ की प्रसिद्ध, विश्व की सबसे बड़ी पगड़ी बगौर की हवेली (उदयपुर) में

488 राष्ट्रिय साफा जोधपुरी साफा

489 दाढ़ी-मूँछ युक्त हनुमान जी सालासर बालाजी (चूरू)

490 गणेश जी का त्रिनेत्र मंदिर रणथम्भौर (सवाई माधोपुर)

491 बाजणा गणेश मंदिर सिरोही

492 अर्बुदा देवी का मंदिर माउंट आबू (सिरोही), इसे अधर देवी भी कहते है।

493 त्रिपुरा सुन्दरी का मंदिर बाँसवाड़ा

494 खम्भों का जंगल रणकपुर जैन मंदिर (पाली)

495 ओसियाँ के मंदिरों की शैली गुर्जर महामारू शैली

496 बूढ़ादीत का सूर्य मंदिर कोटा में

497 आधेटा रिवाज मृत्यु सम्बंधित

498 वेश्याओं का मंदिर रणकपुर का जैन मंदिर (पाली)

499 बोहरा जी की छतरी केला देवी मंदिर के सामने (करौली), जहाँ ऐसी मान्यता है कि पुश्तैनी बीमारी का इलाज होता है

500 पगड़ी का दस्तूर पिता की मृत्यु होने पर बड़े बेटे या भाई को पगड़ी पहनाकर उत्तराधिकारी का दायित्व सौपना।