राजस्थान का एकीकरण Notes

 राजपूताना का नाम बदलकर राजस्थान 26 जनवरी, 1950 को रखा गया 26 जनवरी 1950 को ख/ब/बी श्रेणी का दर्जा राजस्थान को दिया  गया। राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में 1 नवम्बर 1956 को आया। राजस्थान स्थापना दिवस - 1 नवम्बर
राजस्थान दिवस -30 मार्च, भारत में एकीकरण के समय 565 रियासते थे।भारत में एकीकरण के समय विलयपत्र पर हस्ताक्षर करने वाली रियासते - 562
भारत की तीन रियासतो ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया - कश्मीर, जूनागढ़ (गुजरात), हैदराबाद
भारत की क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी रियासत - हैदराबाद
भारत की क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटी रियासत -बिलवारी (मध्यप्रदेश रियासतो को तोप सलानी का अधिक ठिकाणो को नही। भारत में केवल 3 रियासत को तोप सलानी का अधिकार है)भारत में मुस्लिम रियासत - टोंक, पालनपुर
एकीकरण के समय भारत निम्नलिखित श्रेणियो में विभक्त था - कश्मीर, पटियाला, बीकानेर
। श्रेणी -पूर्णतः ब्रिटिश शासन का अधिकार था, जैसे -बम्बई, बिहार, मद्रास, प्रमुख -गवर्नर कहलाता था।
ठ श्रेणी -छोटी-छोटी रियासतों से बने संघ इसमें शामिल किये गये। जैसे -राजस्थान, मध्य भारत
ब् श्रेणी -चीफ कमीश्नर प्रान्त, प्रमुख -चीफ कमीश्नर, जैसे -अजमेर, मेरवाड़ा, दिल्ली
क् श्रेणी -स्वतंत्र उपनिवेशो को रखा गया, अण्डमान निकोबार द्वीप समूह
राजस्थान में एकीकरण के समय कुल- रियासते - 19, 3 ठिकाणे व एक केन्द्र शासित प्रदेश अजमेर मेरवाड़ा था।
रियासत का नाम            संस्थापक वंश                 एकीकरण के समय शासक
अलवर                प्रताापसिंह         कछवाहा वंश         तेजसिंह
बीकानेर राव बीका        राठौड़ वंश               सार्दूल सिंह
भरतपुर चूड़ामन जाट जाट वंश       वृजेन्द्र सिंह
बांसवाड़ा जगमाल       सिसोदिया वंश      महारावल चंद्रवीर सिंह
बूंदी        राव देवा हाड़ा, चैहान महारावल बहादूरसिंह                            सिरोही लुम्बा चैहान वंश अभयसिंह
शाहपुरा   सुजान सिंह    सिसोदिया वंश सुदर्शन देव      
धौलपुर धवलदेव जाट वंश उदयभान सिंह
डुंगरपुर पृथ्वीराज सिसोदिया महारावल लक्ष्मण सिंह
जयपुर जयसिह-प्प् कछवाहा वंश मानसिंह-प्प्
जोधपुर राव जोधा राठौड़ वंश हनुवंत सिंह
जैसलमेर जैसल भाटी   भाटी वंश रघुनाथ सिंह
झालावाड़ झाला मदनसिंह   चैहान वंश           झाला हरिशचन्द्र
करौली विजयपाल यादव यदुवंशी गणेशपाल देव
कोटा        माधोसिंह हाड़ा चैहान महाराव भीम सिंह
किशनगढ़ किशन सिंह राठौड़ वंश महाराज सुमेर सिंह
टोंक   अमीर खां पिण्डारी वंश अजीजददोला
प्रतापगढ़   प्रताप सिंह सिसोदिया वंश अम्बिका प्रतापसिंह    
उदयपुर   उदयसिंह सिसोदिया वंश महाराणा भोपालसिंह (एकमात्र अपाहित शासक)
ठिकाणे - 3
लावा (जयपुर, वर्तमान में टोंक)  -राव राजेन्द्र सिंह
नीमराणा (अलवर)  -राव हरेन्द्र सिंह (सबसे बड़ा ठिकाणा)
कुशलगढ़ (बाँसवाड़ा) -बस प्रदीप सिंह ( सबसे छोटा ठिकाणा 20 वर्ग मील)
केन्द्रशासित प्रदेश - एकीकरण के समय एकमात्र केन्द्र शासित प्रदेश अजमेर मेरवाड़ा की अलग से विधानसभा थी, जिसे धारा सभा के नाम से जाना जाता था।अजमेर मेरवाड़ा ‘सी’ श्रेणी का राज्य था।अजमेर मेरवाड़ा ‘सी’ विधानसभा में कुल 30 सदस्य थे।
इस विधानसभा के प्रथम व एकमात्र मुख्यमंत्री - हरिभाऊ उपाध्याय7 वें संविधान संशोधन 1956 के द्वारा ।एठएब् श्रेणियों को समाप्त कर दिया गया। व राज्यपाल का पद सृजित किया गया।राजस्थान का प्रथम राज्यपाल- गुरुमुख निहाल सिंह
राजस्थान की सबसे प्राचीन रियासत- मेवाड़ (उदयपुर), (565 ई. गुहिल के समय की रियासत)राजस्थान की सबसे नवीन रियासत-झालावाड़
अग्रेजो द्वारा स्थापित एकमात्र रियासत-झालावाड, स्थापना -झाला मदन सिंह (1838 ई.में)झालावाड़ रियासत कोटा से अलग करके बनाई गई था। राजधानी - पाटन
राजस्थान की क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी रियासत - जोधपुर/मारवाड़राजस्थान की क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटी रियासत -शाहपुरा (भीलवाड़ा)
राजस्थान की जनसंख्या की दृष्टि से छोटी रियासतराजस्थान की सर्वप्रथम जन्तान्त्रीय पूर्ण उतरदायीशासन स्थापित करने वाली रियासत- शाहपुरा (राजस्थान की जनसंख्या की दृष्टि से बड़ी रियासत - जयपुर
राजस्थान की सर्वप्रथम जन्तान्त्रीय पूर्ण उतरदायी शासनस्थापित न  करने वाली रियासतसबसे पिछड़ी हुई रियासत-जैसलमेर (राजस्थान का अण्डमान)
राजस्थान में एकमात्र मुस्लिम रियासत - टोंक1942, भारत छोड़ो आंदोलन मे भाग न लेने वाली रियासत - जैसलमेर, जयपुर
तोप सलामी:-रियासतो को तोप सलामी का अधिकार था, ठिकाणो को तोप सलामी का अधिकार नहीं था।
अपवाद- तोप सलामी का  अधिकार न रखने वाली रियासते - शाहपुरा (भीलवाड़ा), किशनगढ़ (अजमेर)
कोटा रियासत की तोप  सलामी की संख्या में कमी कर  दी गई (17 से घटाकर 13 कर दी गई)
करौली रियासत की तोप सलामी की संख्या में वृद्धि कर दी गई। (13 से 17 कर दी गई)
शिकार एक्ट घोषित करने वाली प्रथम रियासत - टोंक (1908)
डाक टिकट व पोस्ट कार्ड जारी करने वाली प्रथम रियासत- जयपुर (1904) (माधोसिंह के द्वारा)
वन्य जीवो की रक्षा हेतु कानून बनाने वाली प्रथम रियासत- जोधपुर (1910)
वन अधिनियम पारित करने वाली प्रथम रियासत- अलवर (1935)
शिक्षा पर प्रतिबंध लगाने वाली  प्रथम रियासत- डुँगरपुर (1947)
विशेष:- अलवर रियासत का संबंध महात्मा गाँधी की हत्या (30 जनवरी, 1948) से जुड़ा हुआ था।
अलवर रियासत के शासक तेजसिंह के दीवान  खरे (नारायण भास्कर खरे) ने महात्मा गांधी की हत्या के कुछ दिन पूर्व नत्थूराम गोडसे व उसके सहयोगी परचूरे को अलवर में शरण दी थी।महात्मा गांधी की हत्या के संदेह में अलवर के शासक तेजसिंह व दीवान  खरे को 7 फरवरी, 1948 को दिल्ली में नजरबन्द करके रखा गया।अलवर रियासत ने प्रथम स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया।
एकीकरण के समय शर्त:-एकीकरण के समय शर्त रखी गई कि जिस रियासत की जनसंख्या 10 लाख व वार्षिक आय 1 करोड़ रुपये हो, वह चाहे तो स्वतंत्र रह सकती है या चाहे तो किसी में भी मिल सकती है।इस शर्त को पूरा करने वाली रियासत - जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर
वे रियासते जो राजस्थान में नहीं मिलना चाहती थी    -अलवर, भरतपुर, धोलपुर, डुँगरपुर, जोधपुर, टोंक
टोंक, जोधपुर - पाकिस्तान में मिलना चाहती थी
भरतपुर, धोलपुर -भाषायी आधार पर यू.पी. (उतरप्रदेश) में मिलना चाहती थी।
राजस्थान में एकमात्र मुस्लिम रियासत- टोंक    राजस्थान में दो जाट रियासत-भरतपुर, धोलपुर
रियासती विलय पत्र:-बाँसवाड़ा के शासक चंन्द्रवीर सिंह ने एकीकरण विलय पत्र पर हस्ताक्षर करते समय कहा था, “मै अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हँू।रियासती पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली प्रथम रियासत - बीकानेर, सार्दूल सिंह (7 अगस्त, 1947)
रियासती पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली अंतिम रियासत- धोलपुर, उदयभान सिंह 14 अगस्त, 1947
रियासती विभाग:-स्थापना - 5 जुलाई, 1947, अध्यक्ष - सरदार वल्लभ भाई पटेल, सदस्य सचिव -वी.पी. मेनन
वी. पी. मेनन द्वारा लिखित पुस्तक-‘द स्टोरी आॅफ इंटीग्रेशन आॅफ इण्डिया स्टेट्स’
धरोहर राशि (पोते बाकी)-एकीकरण के समय सर्वाधिक धरोहर राशि (पोते बाकी) बीकानेर रियासत के द्वारा वृहत राजस्थान को जमा करवाई गई।
राशि - 4  करोड़ 87 लाख रुपयेनोट:- भोपाल सिंह एकीकरण के समय एकमात्र अपाहित व्यक्ति था।
सहायक संधि -जन्म दाता-लार्ड वैलेजलीसहायक संधि के तहत आंतरिक सुरक्षा व विदेश नीति अंग्रेज तय करते थे तथा खर्चा राज्य को उठाना पड़ता था
भारत- लार्ड वैलेजली ने  सर्वप्रथम हैदराबाद के निजाम से सहायक संधि की(हैदराबाद शासक - निजाम अली)
राजस्थान- राज. में इसके तहत सहायक संधि करने वाली प्रथम रियासत - भरतपुर(29 सितम्बर,1803) राजस्थान में इसके तहत विस्तृत व व्यापक संधि करने वाली - अलवर, 14 नवम्बर, 1803
आश्रय पार्थक्य नीति:-जन्म दाता -लार्ड हाडिंग्स
इस नीति के तहत संधि करने वाली प्रथम रियासत - करौली 15 नवम्बर, 1817, शासक -हरवक्षपाल सिंह
इस नीति के तहत अग्रेजो से विस्तृत व व्यापक-कोटा 26 दिसम्बर, 1817 शासक -उम्मेद सिंह
इस नीति के तहत अधिकांश संधिया  1818 में हुई जो निम्न प्रकार से है-
मेवाड़ भीमसिंह 1818
मारवाड़ मानसिंह 1818
जयपुर जगतसिंह 1818
इस नीति के तहत अग्रेजो से संधि करने वाली अंतिम रियासत - सिरोही, 11 सितम्बर, 1823, शासक - शिव सिंह
हड़प नीति/गोड निषेध नीति/डाॅक्ट्रिन आॅफ लेप्स नीति:- जन्म दाता -लार्ड डलहौजी
इस नीति के तहत राजा के निःसन्तान मर जाने पर उसे ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया जाता था।
लार्ड डलहौजी के द्वारा हड़पी गई प्रथम रियासत - सतारा (महाराष्ट्रा) 1848 मेंहड़प नीति के तहत् राजस्थान में हड़पा गया प्रथम क्षेत्र -ब्यावर
एजेन्ट टू गवर्नर जनरल:-
संस्थापक -विलियम बैटिंक, पद की स्थापना -1832 में, मुख्यालय-अजमेर, प्रथम-मिस्टर लाॅकेट
नोट:-  का मुख्यालय 1845 में अजमेर से बदलकर माउण्ट आबु (सिरोही) में रखा गया।
1857 की क्रान्ति के ए.जी. जी. का मुख्यालय व ए.जी.जी. - माउण्ट आबु (सिरोही), जाॅर्ज पैट्रिक्स लाॅरेन्स