केन्द्रीय मंत्रिपरिषद
सविधान में मंत्रियों के प्रकार - 3
1. केबिनेट मंत्री - मंत्रीमण्डल
2. राज्य मंत्री - 1 अधिनस्थ प्रभार
2. स्वतंत्र प्रभार
3. उपमंत्री
शपथ-
कार्यकाल - अनिष्चित काल
मंत्रिपरिषद का आकार -
नोट - यदि मत्रिपरिषद के किसी एक सदस्य के विरूद्ध अविष्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है तो उस स्थिति में सम्पूर्ण मंत्रिपरिषद को अपना त्यागपत्र देना होता है।
नोट - 44वें संविधान संसोधन 1978 के द्वारा मंत्रिमण्डल शब्द को संविधान में जोड़ा गया जिसका उल्लेख अनुच्छेद 352 में मिलता है।
नोट: संसदीय सचिव प्रकार के मंत्रियों कि नियुक्ति प्रधानमंत्री के द्वारा जी जाती है। इस प्रकार के मंत्रीपद का संविधान में कोई उल्लेख नहीं है।
अनुच्छेद 88 - केन्द्रीय मंत्रीपरिषद के किसी भी सदस्य को संसद के दोनों सदन में बोलने एवं कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार है।
- अनुच्छेत 53 के अनुसार भारत/संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित है।
- अनुच्छेद 74 के अनुसार राष्ट्रपति के कार्यो में सहायता व सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होती है जिसका प्रधान/प्रमुख प्रधानमंत्री होता है।
- संघ की संवैधानिक प्रमुख कार्यपालिका राष्ट्रपति।
- संघ की वास्तविक कार्यपालिका केन्द्रीय मंत्रिपरिषद को कहा जाता है। जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होता है।
सविधान में मंत्रियों के प्रकार - 3
1. केबिनेट मंत्री - मंत्रीमण्डल
2. राज्य मंत्री - 1 अधिनस्थ प्रभार
2. स्वतंत्र प्रभार
3. उपमंत्री
- अनुच्छेद 75 (1) के अनुसार राष्ट्रपति लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को प्रधानमंत्री के रूप नियुक्त करता है।
- यदि लोकसभा में किसी दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं होता है तब राष्ट्रपति अपने विवेकानुसार लोकसभा में सबसे बड़े दल के नेता को प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त करता है।
- म्ंत्रियों का चयन -
- म्ंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री के परामर्ष से राष्ट्रपति करता है।
शपथ-
- पद ग्रहण से पूर्व प्रधानमंत्री सहित प्रत्येक मंत्री को अनुसूचि 3 में दिये गये प्रारूप के अनुसार राष्ट्रपति के समक्ष पद और गोपनीयता की शपथ लेनी होती है।
- योग्यता -
- अनुच्छेद 75 (5) - मंत्रीपरिषद का सदस्य बनने के लिए यह आवष्यक है कि व्यक्ति संसद के किसी सदन का सदस्य हो।
- यदि कोई व्यक्ति मंत्री बनते समय संसद का सदस्य नहीं है, तो उसे 6 माह के अन्दर संसद सदस्य बनना अनिवार्य है।
कार्यकाल - अनिष्चित काल
- मंत्रिपरिषद तभी तक अपने पद पर रहती है, जब तक की उसे लोकसभा का विष्वास प्राप्त हो।
- मंत्रिपरिषद का अधिक से अधिक कार्यकाल लोक सभा के कार्यकाल तक, जो समान्यत्या 5 वर्ष होता है।
- मंत्रियों के वेतन तथा भत्तों का निर्धारण संसद के द्वारा किया जाता है।
- यदि प्रधानमंत्री का पद रिक्त हो जाये तो पुरा मंत्रिपरिषद भंग हो जाता है।
- मंत्रिमण्डल का आकार मंत्रिपरिषद के आकार से छोटा होता है।
मंत्रिपरिषद का आकार -
- मूल संविधान में मंत्रिपरिषद के आकार से सम्बन्धीत कोई प्रावधान नहीं था।
- अनुच्छेद 75 (1क) - 91वें संविधान संसोधन 2003 के द्वारा केन्द्रीय मंत्री परिषद में अधिकतम मंत्रियों कि संख्या लोकसभा की कुल सीटों का 15 प्रतिशत (प्रधानमंत्री सहित)
- दल-बदल कानून के आधार पर संसद के सदस्यों की अयोग्यता की स्थिति में मंत्री पद के लिए वह मंत्री अयोग्य हो जाता है।
- केन्द्रीय मंत्रीपरिषद में मंत्री राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त अपने पद पर रहते है।
- अनुच्छेद 75 (3) केन्द्रीय मंत्रिपरिषद सामुहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है। इसका तात्पर्य यह है कि किसी मंत्री के कार्य के लिए अकेला वही मंत्री उत्तरदायी नहीं होगा बल्कि उसके कार्य के लिए सम्पूर्ण मंत्रिपरिषद उत्तरदायी होती है।
नोट - यदि मत्रिपरिषद के किसी एक सदस्य के विरूद्ध अविष्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है तो उस स्थिति में सम्पूर्ण मंत्रिपरिषद को अपना त्यागपत्र देना होता है।
- मंत्री चाहे किसी भी सदन से हो सामूहिक रूप से उत्तदायी लोकसभा के प्रति होता है।
- व्यक्तिगत रूप से केन्द्रीय मंत्रीपरिषद राष्ट्रपति के प्रति उत्तरदायी होती है।
नोट - 44वें संविधान संसोधन 1978 के द्वारा मंत्रिमण्डल शब्द को संविधान में जोड़ा गया जिसका उल्लेख अनुच्छेद 352 में मिलता है।
नोट: संसदीय सचिव प्रकार के मंत्रियों कि नियुक्ति प्रधानमंत्री के द्वारा जी जाती है। इस प्रकार के मंत्रीपद का संविधान में कोई उल्लेख नहीं है।
अनुच्छेद 88 - केन्द्रीय मंत्रीपरिषद के किसी भी सदस्य को संसद के दोनों सदन में बोलने एवं कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार है।
- वर्तमान में केन्दीय मंत्री परिषद में राजस्थान से कुल मंत्रियों की संख्या - 7
- कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़
- लोकसभा क्षेत्र - जयपुर ग्रामीण
- कार्यभार - युवा कार्य एवं खेलमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री)
- अर्जनराम मेघवाल (राज्य मंत्री)
- लोकसभा क्षेत्र - बीकानेर
- कार्यभार - संसदीय मामले मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संक्षरण मंत्रालय
- सी.आर. चैधरी (राज्य मंत्री)
- लोकसभा क्षेत्र - नागौर
- कार्यभार - उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण, वाणिज्य व उद्योग
- पी.पी. चैधरी (राज्य मंत्री)
- लोकसभा क्षेत्र - पाली
- कार्यभार - कानून व न्याय, काॅरपोरेट मामले
- विजय गोयल (राज्य मंत्री)
- राज्य सभा सांसद
- कार्यभार - संसदीय कार्य मंत्रालय
- अल्फोंस काननाधानम (स्वतंत्र प्रभार, राज्यमंत्री)
- राज्यसभा सांसद
- कार्यभार - पर्यटन मंत्री
- गजेन्द्र सिंह शेखावत , लोकसभा क्षेत्र - जोधपुर, कार्यभार - कृषि व किसान सुधार मंत्रालय