रायमल AND राणा सांगा RAYMAL AND RANA SANGA


रायमल :-
- रायमल के 3 पुत्र थे |
1.जयमल  2.पृथ्वीराज सिसोदिया  3.राणा सांगा
1.जयमल
- इसने बूंदी के सुरजन हटा की पुत्री तारा से विवाह किया तो सुरजन हाडा ने इसे मरवा दिया |
2.पृथ्वीराज सिसोदिया
- तेज गति से घोड़ा चलाने के कारण इसे उड़ना राजकुमार कहते हैं |
 - इसने टोडा टोंक को जीतकर सुरजन हटा की पुत्री तारा से विवाह किया |
- इसने अपने पत्नी के कहने पर अजमेर के अजयमेरु दुर्ग का पुनर्निर्माण करवाया इस दुर्ग का नाम अपनी पत्नी के नाम पर तारागढ़ रखा |

3.राणा सांगा
- राणा सांगा का 1509 में राज्यअभिषेक तब दिल्ली सल्तनत का राजा सिकंदर लोदी था |
राणा सांगा :- (1509 _1527)
- राणा सांगा को हिंदू पाठ बादशाह कहा जाता है राणा सांगा का राज्याभिषेक 1509 ईस्वी में हुआ था |
- इस समय दिल्ली सल्तनत का राजा सिकंदर लोदी था राणा सांगा के शरीर पर 80 घाव थे अतः कर्नल जेम्स टॉड ने राणा सांगा को सैनिकों का भग्नावशेष कहा |
- 1517 ईस्वी में राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी के बीच खातोली( बूंदी )का युद्ध हुआ जिसमें राणा सांगा विजय हुआ |
- 1528 में राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी के बीच बाड़ी का युद्ध (धौलपुर) हुआ जिसमें राणा सांगा विजय हुआ |
-  1529 ईसवी में राणा सांगा मालवा के महमूद खिलजी द्वितीय के बीच गागरोन का युद्ध (झालावाड़) हुआ जिसमें राणा सांगा विजय हुआ तथा महमूद खिलजी द्वितीय का कमर द्वंद्व ताज छीन लिया |
- पंजाब के दौलत खान इब्राहिम लोदी के चाचा आलम खान 2 दिन में फरगना काबुल के शासक बाबर को भारत आमंत्रित किया |
- बाबर ने अपनी आत्मकथा तुजुक बाबरी तुर्की भाषा में राणा सांगा द्वारा बाबर को भारत आमंत्रित करने का उल्लेख किया है |
- तुजुक बाबरी में बाबर ने कमल के बाग का वर्णन किया है जो धौलपुर में है |
- 21 अप्रैल 1526 ईसवी को बाबर इब्राहिम लोदी के बीच पानीपत का प्रथम युद्ध करनाल हरियाणा  हुआ जिसमें बाबर विजय हुआ तथा भारत में मुगल वंश की नींव रखी |
- 15 फरवरी 1527 ईस्वी को राणा सांगा और बाबर के बीच बयाना का युद्ध (भरतपुर) हुआ जिसमें राणा सांगा विजय हुआ |
- 17 मार्च 1527 ईस्वी को राणा सांगा और बाबर के बीच खानवा का युद्ध हुआ (रूपवास तहसील भरतपुर )जिसमें मुगल शासक बाबर विजय हुआ तथा खानवा के इस निर्णायक युद्ध के बाद मुस्लिम मुगल सत्ताकी वास्तविक स्थापना हुई
- खानवा रूपवास तहसील भरतपुर में स्थित है खानवा गंभीरी नदी के किनारे हैं |
- खानवा विजय के बाद बाबर ने गाजी की उपाधि धारण की तथा जिहाद का नारा दिया मुसलमानों पर तमगा कर माफ कर दिया |
- राणा सांगा अंतिम हिंदू राजपूत राजा था जिसमें सभी हिंदू राजपूत राजाओं को पाती परवन द्वारा आमंत्रित किया |
- राणा सांगा अंतिम हिंदू राजपूत राजा था जिसके समय सारी हिंदू राजपूत जातियां विदेशियों को बाहर निकालने के लिए एकजुट हो गई थी |
- राणा सांगा के सहयोगी :-
 खानवा के युद्ध में आमेर का पृथ्वीराज कच्छावा, मारवाड़ के मालदेव ,बूंदी के नारायण राव ,सिरोही के अखेराज देवड़ा प्रथम, भरतपुर के अशोक परमार , बीकानेर के कल्याणमल ,इडर के राजा भारमल ,वीरमदेव मेड़तिया,नरसिंह , डूंगरपुर का रावल उदय सिंह तथा खेतशी कर्म सिंह डूंगर सिंह ,देवलीया का रावत बाघसिंह नरबद हाडा ,चंदेरी का मेदिनीराय, विरम सिंह देव ,सादड़ी का झाला अजा ,गोगुंदा का झाला सज्जा ,सलूंबर का रावल रतन सिंह ,महमूद लोदी ,चंदावर के चंद्रभान मानिक ,चंद्र रावत रतन सिंह कांगलोत ,चुंडावत रावत जोगा सारंग, देवास रामदास ,सोनगरा गोकुलदास परमार, मेड़ता का रायमल राठौड़ ने अपने अपनी सेना का नेतृत्व किया |
- अशोक परमार की वीरता से प्रभावित होकर राणा सांगा ने अशोक परमार को बिजोलिया ठिकाना भेंट किया |
- बिजोलिया ठिकाने (भीलवाड़ा)का संस्थापक अशोक परमार बना |
- राणा सांगा की सेना ने एकमात्र मुस्लिम सेनापति हसन खा मेवाती था |
- खानवा के युद्ध में झाला अजा ने सांगा का राज्य चिन्ह मुकुट लेकर सांगा की सहायता के लिए अपना बलिदान दिया
झाला शासक कीर्ति गढ़ सिंधु प्रदेश के मूल निवासी थे |
- खानवा युद्ध में घायल राणा सांगा को मालदेव द्वारा बसवा दौसा पहुंचाया गया |
- 30 जनवरी 1523 ईस्वी को कालपी उत्तर प्रदेश राणा सांगा की मृत्यु हो गई मांडलगढ़ भीलवाड़ा मैं राणा सांगा की छतरी बनी हुई है |
- मांडलगढ़ का नाहर नृत्य प्रसिद्ध है जो भीलों की एक लघु नृत्य नाटिका है भीलों के अन्य नृत्य गवरी, गैर (केवल पुरुष )भाग लेते हैं नेजा खेल नृत्य हातिम अन्ना विवाह के उत्सव पर आदि है |