संवैधानिक विकास Constitutional development Note Political Science

संवैधानिक विकास
  • 31 दिसम्बर 1600 ई. ब्रिटेन महारानी एलीजाबेथ-प्रथम के समय लंदन में ईस्ट इण्डिया कम्पनी की स्थापना हुई।
  • 1608 ई. को विलियम हाकिन्स प्रथम अंग्रेज थे जो व्यापार की अनुमति प्राप्त करने भारत आए यहां पर इसकी मुलाकात मुगल शासक जहांगीर से हुई जो असफल रहा।
  • 611 ई. को कम्पनी द्वारा अपनी पहली व्यापारिक कोठी ‘‘मुसलीपट्टनम (आ.प्र.)’’ में स्थापित की जो दक्षिण भारत में स्थापित प्रथम कोठी थी।
  • 1613 ई. में कम्पनी के द्वारा अपनी दुसरी कोठी ‘सूरत’ में ताप्ती नदी के किनारे स्थापित की गई।
  • 1615 ई. में जैम्स-प्रथम का राजदूत सर टाॅमस राॅ भारत आया इसकी मुलाकात 1616 ई. में राजस्थान के अजमेर में मैग्जिन दुर्ग में जहांगीर से हुई यह भारत में स्वतंत्र व्यापार की अनुमति प्राप्त करने में सफल रहा।
1757 ई. का प्लासी युद्ध -
  •  लार्ड क्लाइव व बंगाल नवाब सिराजुदौला के बीच। लार्ड क्लाइव विजय हुये।
1764 ई. का बक्सर युद्ध - 
  • मुनरौ v/c बंगाल - मीर कासिम,
  • अवध - शुजाउदौला
  • मुगल - शाहआलम द्वितीय
  • विजेता मुनरो
  • कम्पनी का भारत में सबसे बड़ा पद गवर्नर था जो बंगाल में बैठता था।
  • 1773 ई. का रेग्यूलेटिग एक्ट के द्वारा बंगाल के गवर्नर को बंगाल का गवर्नर जनरल बना दिया गया।
  • बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल - लार्ड वारेन हस्टिंग्स
  • 1833 ई. के चार्टर अधिनियम के द्वारा बंगाल के गवर्नर जनरल को ब्रिटिश भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया।
  • बंगाल का अंतिम व ब्रिटिश भारत का प्रथम गवर्नर जनरल लार्ड विलियम बैटिंक
  • 1858 ई. के अधिनियम के द्वारा गवर्नर जनरल के पद के आगे वायसराय का शब्द जोड़ा
  • ब्रिटीश भारत का अंतिम गवर्नर जनरल व प्रथम वायसराय - लार्ड कैनिंग
  • ब्रिटीश भारत का अंतिम वायसराय - लार्ड मांउट बैंटन
  • स्वतंत्र भारत का प्रथम वायसराय - लार्ड माऊट बैटन
  • स्वतंत्र भारत का अंतिम वायसराय व प्रथम भारतीय व्यक्ति था - सी. राजगोपाल चारी
  • 1773 ई. को रेग्यूलेटिंग एक्ट:
  • तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री लार्ड नाॅर्थ द्वारा गठित गुप्त समिति की सिफारिश पर 1773 ई. में पारित एक्ट को रेग्युलेटिंग एक्ट की संज्ञा दी गई।
  • इसके द्वारा गवर्नर जनरल की सहायता के लिए एक चार सदस्यीय कार्यकारी परीषद का गठन किया गया।
  • इस एक्ट के द्वारा मुम्बई $ मद्रास प्रांतों को भी बंगाल के अधीन कर दिया गया। 
  • संवैधानिक विकास की प्रक्रिया इसी एक्ट के मानी जाती है।
  • इस एक्ट के द्वारा भारत मे सर्वप्रथम 1774 ई. कोलकता में सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई।

कुल न्यायाधिश - 1+3 = 4

  • प्रथम मुख्य न्यायाधिश: इलिजा इम्फै
  • 1781 ई. के एक्ट को ‘‘एक्ट आॅफ सैटलमैंट’’ कहा जाता है।
  • 1784 ई. का पिट्स एक्ट
  • यह अधिनियम कम्पनी द्वारा अधिग्रहीत भारतीय राज्य क्षेत्रों पर ब्रिटिश ताज के स्वामीत्व दावे का पहला वैधानिक दस्तावेज था।
  • नोट - इस अधिनियम के द्वारा भारत में कम्पनी के अधीन क्षेत्र को पहली बार व्रिटिश अधिपत्य का क्षेत्र कहा गया।
  • गवर्नर जनरल की परीषद की संख्या चार से कम करके तीन कर दी गई।
  • इस एक्ट के द्वारा कम्पनी के राजनैतिक व व्यापारिक कार्यो का बंटवारा किया गया।
  • राजनैतिक कार्य - बोर्ड आॅफ कन्ट्रोल
  • व्यापारिक कार्य - कोर्ट आॅफ डायरेक्टर

1813 ई. का चार्टर एक्ट:

  • इस एक्ट के द्वारा कम्पनी के व्यापारिक एकाधिकार को आंशिक रूप से समाप्त कर दिया गया।
  • नोट - चाय व चीन पर कम्पनी का एकाधिकार व्यापारिक रूप से बना रहा।
  • इस एक्ट में भारतीययों की शिक्षा पर एक लाख रूपये की वार्षिक धन राशि व्यय करने का प्रावधान किया गया।
  • भारत में ईसाई मिशनरियों को धर्म प्रचार की अनुमति प्रदान की गई।

1833 ई. को चार्टर अधिनिमय:

  • इस एक्ट के द्वारा बंगाल के गवर्नर जनरल को ब्रिटिश भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया।
  • इस एक्ट के द्वारा कम्पनी के व्यापारिक एकधिकार को पूर्णत्याः समाप्त कर दिया गया।
  • सिविल सेवकों के चयन के लिए खुली प्रतियोगिता का आयोजन शुरू करने का प्रयास किया गया।
  • कोर्ट आॅफ डायरेक्टर्स के विरोध के कारण इस प्रावधान को समाप्त कर दिया गया।
  • विधिक परामर्श हेतु गवर्नर जनरल की परिषद में विधि सदस्य के रूप में चैथे सदस्य को शामिल किया गया।
  • विधियों के सहिताकरण के लिए गवर्नर जनरल को आयोग गठित करने का अधिकार दिया गया।
  • नोट - 1834 ई. में लाॅर्ड मैकाले की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विधि आयोग का गठन किया गया।
  • भारत में  दास प्रथा को विधि के विरूद्ध घोषित कर दिया गया।
  • 1843 ई. में दास प्रथा को समाप्त कर दिया गया।
1858 ई. का अधिनिमय:
  • इस एक्ट के द्वारा ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल के आगे वायसराय शब्द जोड़ा गया।
  • प्रथम वायसराय - लार्ड कैनिग
  • इसके द्वारा भारत मे ंकम्पनी के शासन का अंत कर दिया गया और भारत का शासन ब्रिटिश सरकार (क्राऊन) को सौंप दिया गया।
  • इसके द्वारा इंग्लेण्ड की मंत्री परिषद ने भारत के राज्य सचिव (भारत मंत्री) का पद स्थापित किया गया। यह सचिव ब्रिटिश केबिनेट का सदस्य था जो ब्रिटिश संसद के प्रति उत्तरदायी था।
  • प्रथम भारत सचिव - लार्ड स्टनले
  • भारत सचिव सहायता के लिए 15 सदस्यों की भारत परिषद का गठन किया गया।
  • नियंत्रण बोर्ड तथा निदेशक मण्डल को समाप्त कर दिया गया।
1909 ई. मार्ले - मिन्टो सुधार अधियिम:
  • लार्ड मार्ले इंग्लेण्ड में भारत के राज्य सचिव थे। तथा लाॅर्ड मिन्टों भारत में वायसराय थे।
  • इस अधिनिमय के द्वारा पहली बार किसी भारतीय का वायसराय और गवर्नर की कार्यकारी परिषद के साथ एसोसिएशन बनाने का प्रावधान किया गया।
  • सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा वायसराय की कार्यकारी परिषद के प्रथम भारतीय सदस्य बने। उन्हें विधि सदस्य बनाया गया था।
  • भारत में सर्वप्रथम सम्प्रदायिक निर्वाचन प्रणाली को प्रारम्भ किया गया।
  • इसके द्वारा मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचन क्षेत्र स्थापित किए गए।
  • नोट - भारत में पहली बार आरक्षण की शुरूआत 1892 ई. में हुई।
1919 ई. का माॅटेग्यू-चैक्सफोर्ड अधिनिमय:-
  • माॅटेग्यू-भारत सचिव 
  • चैक्सफोर्ड वायसराय
  • यह पहला अधिनियम था जिसमें प्रस्तावना का उल्लेख था।
  • नोट - इसके द्वारा प्रांतों में द्वैद्व शासन प्रारम्भ हुआ।
  • प्रांतों में विषयों को दो भागों में बांटा गया।

1. आरक्षित विषय:
गवर्नर कार्यपालिका परिषद् की सहायता से शासन करता था जो विधान परिषद के प्रति उत्तरदायी नहीं था।
विषय - राजस्व, न्याय, वित्त व पुलिस आदि।
2. हस्तांतरित विषय:
गवर्नर उन मंत्रियों की सहायता से कार्य करता था जो विधान परिषदों के प्रति उत्तरदायी थे।
विषय - शिक्षा व स्वास्थ्य, स्थानीय स्वशासन आदि।

  • पहली बार उत्तरदायी शब्द का प्रयोग किया गया।
  • इसके द्वारा प्रांतों में आंशिक रूप से उत्तरदायी शासन लागू किया गया।
  • इस अधिनियम के द्वारा केन्द्र में द्विसदनीय व्यवस्थापिका की स्थापना की गई।

केन्द्रीय विधानमण्डल

राज्य परिषद         केन्द्रीय विधानसभा
1. राज्य परिषद -      सदस्य 60

निर्वाचित 34,   मनोनित 26
   कार्यकाल 5 वर्ष
2. केन्द्रीय विधान सभा -    
            सदस्य 144
        ।              ।
     निर्वाचित 104,    मनोनित 40
कार्यकाल 3 वर्ष

  • नोट - केन्द्रीय विधानमण्डल से पूर्व केन्द्रीय विधान परिषद थी।
  • प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली को लागु किया गया तथा महिलाओं को मता अधिकार दिया गया।
  • इस अधिनिमय के द्वारा पहली बार केन्द्रीय बजट को राज्यों के बजट से अलग कर दिया गया और राज्य विधान परिषदों को अपना बजट स्वयं बनाने का अधिकार दिया गया।
  • केन्द्रीय व प्रांतिय विधानपरिषदों को अपनी सूचि के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार प्रदान किया गया।
  • केन्द्रीय सूचि के विषय - विदेश नीति, रक्षा, डाक-तार तथा सावर्जनिक ऋण आदि।
  • प्रान्तीय सूचि के विषय - स्थानीय स्वशासन, शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, भूमि कर आदि।
  • यह अधिनिमय भारत में संघात्मक शासन व्यवस्था का आधार माना जाता है।
  • इसमें पहली बार लोक सेवा आयोग ;च्ैब्द्ध के गठन का प्रावधान किया गया।

नोट - 1923 ई. में लोक सेवाओं में सुधार के लिए ‘‘ली आयोग’’ का गठन किया गया है तत्पश्चात इसकी रिपोर्ट के बाद 1926 ई. में ‘सर रोस बार्कर’ की अध्यक्षता में केन्द्रीय लोक सेवा आयोग ;ब्च्ैब्द्ध का गठन 1926 ई. में किया गया।

  • 1935 ई. FPSC (फैड्रल पब्लिक सर्विस कमीशन)
  • 1950 ई. UPSc (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन)
  • इस एक्ट के द्वारा साम्प्रदायिक निर्वाचन प्रणाली का विस्तार किया गया।

नोट - इसके द्वारा आंगल भारतीयों, भारतीय इसाईयों, यूरोपियन, सिक्खों को भी साम्प्रदायिक निर्वाचन प्रणाली में शामिल किया गया।

  • भारत सचिव का खर्च भारत के राजस्व से हटाकर ब्रिटिश राजस्व से दिये जाने का प्रावधान किया गया।
  • 1935 भारत शासन अधिनियमः-
  • इस एक्ट का भारतीय संविधान पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ा।
  • इसके तहत संघीय लोक सेवा आयोग तथा राज्य लोक सेवा आयोग की स्थापना का प्रावधान किया गया।
  • प्रांतों में द्वैद्व शासन व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया तथा केन्द्र में द्वैद्व शासन व्यवस्था को प्रारम्भ किया गया
  • प्रांतों में पूर्ण रूप से उत्तरदायी शासन प्रारम्भ किया गया।
  • इसके द्वारा दिल्ली में व्बजण् 1937 को संघीय न्यायलय की स्थापना की गई यह सर्वोच्च न्यायालय नहीं था क्योंकि इसके निर्णय के विरूद्ध लंदन स्थित प्रिवी कौंसिल में अपील की जा सकती थी।
  • इस एक्ट में निर्देशों के उपकरण का उल्लेख था जिन्हें वर्तमान में राज्य के नीति निर्देशक तत्व कहा जाता है।
  • इसके द्वारा अखिल भारतीय संघ की स्थापना की गई।
  • इसके द्वारा केन्द्र व इकाईयों (प्रांतों$ देशी रियासतों) के बीच तीन सूचियों के आधार पर शक्ति का बंटवारा किया गया।

1. संघ सूचि - विषय 59
2. राज्य सूचि - विषय 54
3. समवर्ति सूचि - विषय 36

  • इस एक्ट को जवाहरलाल नेहरू ने ‘‘दासता का अधिकार पत्र’’ तथा ऐसी इंजन रहित गाड़ी जिसमें अनेक ब्रेक लेगें हो।
  • जिन्ना के इसे पूर्णतः सड़ा और मूल रूप से बुरा कहा था।
  • रिजर्व बैंक की स्थापना की गई।