भारत का अपवाह तंत्र
1 सिन्धु नदी का अपवाह तंत्र:-
- उत्तरी भारत की नदियां हिमालय से निकलती हैं। जबकि द. भारत की नदियां प्रायद्वीपीय पठारी प्रदेश से निकलती हैं।
- हिमालय से निकलने वाली नदियां बारहमासी नदिया हैं। जबकि प्रायद्वीपीय पठारी प्रदेश से निकलने वाली नदियां (मौसमी) हैं।
1 सिन्धु नदी का अपवाह तंत्र:-
- उद्गम स्थल - मानसरोवर झील (तिब्बत)
- सिन्धु नदी की कुल लम्बाई 2880 किमी है।
- भारत में इसकी लम्बाई 709 किमी है।
- सिन्धु नीद पाकिस्तान में बहती हुई अरबसागर में गिरती है।
- सहायक नदियां:-(अ) सतलुज, (ब) रावी, (स) व्यास, (द) झेलम, (य) चिनाव है।
- अ) सतलुज नदी- उद्गम स्थल - राकसताल (मानसरोवर झील) कुल लम्बाई 1050 किमी. यह नदी सिन्धु नदी की सबसे लम्बी सहायक नदी है। संगम स्थल - सतलुज नदी चिनाव नदी में जाकर मिलती है।
- (ब) रावी नदी - उद्गम स्थल - हिमाचल प्रदेश (कांगड़ा जिला) में रोहतांग दर्रा के निकट कुल्लु की पहाड़ियों से निकलती हैं। कुल लम्बाई 720 किमी. संगम स्थल - ये चिनाव नदी में जाकर मिलती है।बांध - थीन बांध
- (स) व्यास - कुल लम्बाई 465 किमी. उद्गम स्थल - हिमाचल प्रदेश (कांगड़ा जिला) में रोहतांग दर्रा के निकट कुल्लु की पहाड़ियों से निकलती हैं। संगम स्थल - यह नदी सतलुज नदी में मिलती है। बांध - 1. पोंग बांध 2. हरिके बांध
- (द) झेलम नदी - उदगम स्थल - शेषनाग झील (जम्मू कश्मीर) लम्बाई 725 किमी.। संगम स्थल - ये नदी चिनाव में जाकर मिलती है। झेलम नदी भारत-पाक की सबसे लम्बी सीमा बनाती है।
- (य) चिनाव नदी - इसे हिमाचल प्रदेश में चन्द्रभागा के नाम से जानते हैं। उदगम स्थल - बारालापचा दर्रा के निकट कुल्लु की पहाड़ियों से निकलती हैै। उदगम स्थल - सिन्धु नदी में जाकर मिलती है।लम्बाई 800 किमी.। संगम स्थल- यह नदी सिन्धु नदी में जाकर मिलती है।
- नोट:- सन् 1960 भारत व पाकिस्तान के मध्य हुए जल समझौते के अनु., भारत सिन्धु, झेलम व चिनाव नदियों का केवल 20 प्रतिशत ही जल उपयोग कर सकता है। सिन्धु व उसकी सहायक नदियों पर विश्व का सबसे विशाल सिंचित क्षेत्र (125 लाख हैक्टेयर-भारत व पाकिस्तान) है।
2 गंगा नदी का अपवाह तंत्र:-
- उद्गम स्थल - गंगोत्री (उत्तराखण्ड) के निकट गौमुख हिमानी से, लम्बाई 2525km, गंगा पूर्णतः भारत में बहने वाली सबसे बड़ी नदी है। गंगा नदी अपना गंगा नाम देव प्रयाग नामक स्थान से प्रारम्भ करती है। जहां भागीरथी व अलक नन्दा नदियां इस स्थान पर आकर गंगा में मिलती है। गंगा नदी को देव प्रयाग नामक स्थान से पहले भागीरथी के नाम से जानी जाती है तथा बंगला देश में इसे पद्मा (गंगा व जमुना का संयुक्त नाम) के नाम से जानी जाती है तथा बंगाल की खाड़ी में गिरने से पूर्व बंगाल देश में मेघना (मेघना व गंगा का संयुक्त नाम) के नाम से जानी जाती है। संगम स्थल - गंगा नदी बंगाल की खाड़ी में आकर गिरती है। बांध - फरक्का
- (अ) यमुना नदी:- उदगम स्थल - यमुनोत्री (उत्तरांचल) लम्बाई - 1375 किमी. यमुना गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है। यमुना नदी प्रयाग (इलाहाबाद यू.पी.)नामक स्थान पर आकर गंगा नदी में मिल जाती है।
- (ब) घाघरा नदी- उदगम स्थल - नेपाल की पहाड़ियों से लम्बाई 180 किमी
- (स) गण्ड़क नदी/नारायणी नदी - उदगम स्थल - नेपाल की पहाड़ियों से लम्बाई 425 किमी. इस नदी के बेसिन में मिलने वाले गोल पत्थरों को (सालिग्राम ) कहते हैं।
- (द) कोशी नदी (बिहार का शोक) - नेपाल की पहाड़ियों से लम्बाई 730 किमी
- (य) बेतवा नदी- उद्गम स्थल - विध्यांचल पर्वत श्रृृखला से लम्बाई 480 किमी बेतवा नदी द. से उत्तर की ओर बहती हुई गंगा नदी में मिल जाती है। संगम स्थल - हमीरपुर (यू.पी) में आकर गंगा नदी में मिलती है।
- (र) सोन नदी:- उद्गम स्थल - अमरकंटक की पहाड़ियों से लम्बाई 780 किमी. यह द. से उत्तर की ओर बहती हुई गंगा में मिल जाती है।
- उदगम स्थल - तिब्बत चीन में स्थित मानसरोवर झील से निकलती है। संगम स्थल - यह बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है। भारत में इसकी लम्बाई 2900 किमी. है। यह भारत की सबसे बड़ी नदी है तिब्बत में ब्रम्हापुत्र नदी को साग्यो अरूणाचल में दिहांग तथा असम में ब्रम्हापुत्र के नाम से जाना जाता है। बंगालदेश में ब्रम्हपुत्र नदी की दो शाखाऐं हैं - जमुना व गंगा के मिलन को पद्मा नदी कहा जाता है तथा गंगा व मेघना को संयुक्त रूप से मेघना कहा जाता है। गंगा व ब्रम्हापुत्र नदियां मिलकर सुन्दरवन का डेल्टा बनाती है। जो विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा है।
- सहायक नदियां- सुबनेशरी, मंगरा, सुरमा, कामेंग, धनसेरी, मनास तथा तिस्ता
- बंगाल की खाड़ी की नदियां
- 1.कृष्णा नदीः-उद्गम स्थल-महाबलेश्वर महाराष्ट्र (पं. घाट) ल.1327
- 2. गोदावरी नदी:- उद्गम - नासिक (महाराष्ट्र) ल. 1465 किमी. गोदावरी दक्षिण भारत की सबसे लम्बी नदी है। गोदावरी नदी को द. की वृहत् गंगा एवं दक्षिण की गंगा के नाम से जाना जाता है।
- 3. कावेरी नदी उदगम स्थल - कूर्णा (कर्नाटक) लम्बाई 805 किमी.
- 4. पेन्नार नदी- नन्दी दुर्ग की पहाड़िया (कर्नाटक) ल. 570 किमी.
- 5. महानदी- उद्गम -रायपुर (छत्तीसगढ़) ल. 858 किमी.
- 6. तुंगभद्रा- पश्चिमी घाट की पहाड़ियों से (कर्नाटक) यह नदी कृष्णा नदी में जाकर मिलती है। लम्बाई 331 किमी. महाराष्ट्र से कन्याकुमारी केरल तक (प. घाट) अरब सागर में गिरने वाली नदियां
- 1. साबरमती - उदगम- दक्षिण अरावली में उदयपुर जिले के झाड़ौल नामक स्थान से यह नदी गुजरात से 485 किमी बहती हुई खम्मात की खाड़ी में गिरती है।
- 2.लूनी नदी- उदगम - नाग पहाड़ियां (आन्नासागर झील) अजमेर संगम स्थल - कच्छ का रन (गुजरात)
- 3. माही नदी-उदगम-विध्यांचल पर्वत संगम स्थल - खम्मात की खाड़ी यह नदी कर्क रेखा को दो बार पार करती है।
- 4. नर्मदा - उद्गम स्थल- अमरकंटक की पहाड़ियों से संगम स्थल - खम्भात की खाड़ी। लम्बाई 1300 किमी.
- 5. ताप्ती नदी -मध्यप्रदेश (बेतूल) से खम्भात की खाड़ी ल. 1300 नोटः-नर्मदा व तृाप्ती समान्तर बहने वाली नदियां हैं। पूर्व से पश्चिमी की ओर। ये दोनों नदियां भ्रंश घाटी में बहती है।