सिसोदिया वंश SINSODIYA RAJ VANSH


सिसोदिया वंश :-
  • - मेवाड़ के कुलदेवता एकलिंग नाथ जी थे मेवाड़ के सिसोदिया वंश की कुलदेवी बाण माता है |
  • - बाण माता का मंदिर उदयपुर में है |

राणा हमीर :- (1326)
  • - राणा हमीर ने मेवाड़ के सिसोदिया वंश की नींव 1326 में रखी थी |
  • - राणा हमीर को मेवाड़ का उद्धारक कहते हैं |
  • - राणा कुंभा द्वारा रचित रसिकप्रिया (जय देव की गीत गोविंद पर टीका) तथा अत्री महेश द्वारा विजय स्तंभ पर लिखी गई कीर्ति स्तंभ प्रशस्ति में राणा हमीर को विषम घाटी पंचानन युद्ध में सिंह के समान बताया गया है |
  • - रसिकप्रिया में इसे वीर राजा भी कहा गया है |

राणा लाखा :-
  • - राणा खेता का पुत्र प्रदाता में मारवाड़ के शासक राव चूड़ा राठौड़ की पुत्री रणमल की बहन हनसा बाई के साथ विवाह हुआ राणा मोकल इनकी संतान थी |
  • - राणा लाखा के पुत्र राणा चुंडा को मेवाड़ का भीष्म कहा जाता है |
  • - राणा लाखा के समय चित्रमल नामक बंजारे ने पिछोला झील का निर्माण उदयपुर में करवाया |
  • - शीशे जस्ते की प्रसिद्ध खान जावर की खान( उदयपुर )की खोज राणा लाखा के समय में हुई |
  • - राणा लाखा ने (जोजिगभट्ट धनेश्वर भट्ट )जैसे विद्वान पंडितों को राज्य में आश्रय दिया था |

राणा मोकल :-
  • - राणा मोकल ने चित्तौड़गढ़ के सम विदेश्वर त्रिभुवन नारायण मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया इस मंदिर का निर्माण परमार राजा भोज ने किया |
  • - राणा मोकल ने एकलिंग नाथ मंदिर के चारों ओर परकोटा बनवाया |
  • - राणा मोकल की हत्या महाराणा खेता की पासवान के पुत्र चाचा और मेरा नामक सामंतों ने 1433 में की थी |

राणा चून्ड़ा:- 
  • - लाखा का बड़ा पुत्र मेवाड़ का भीष्म हनसा बाई का विवाह लाखा के साथ एवं उसके पुत्र मोकल के उत्तराधिकारी बनने पर इसके द्वारा आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन किया गया |