महान्यायवादी/एटोर्नी जनरल

महान्यायवादी/एटोर्नी जनरल
उल्लेख - अनुच्छेद 76 

  • भारत सरकार का सबसे बड़ा/प्रथम कानुनी अधिकारी
  • नियुक्ति - संघीय मंत्रिपरिषद की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा 
  • शपथ व त्यागपत्र - राष्ट्रपति 

योग्यता - स्र्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान
कार्यकाल - अनुच्छेद 76(4), 65 वर्ष की आयु तक/राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त।

  • शक्तियां - अनुच्छेद 76(3) के अनुसार महान्यायवादी को अपने कर्तव्य के पालन के लिए भारत के राज्य क्षेत्र स्थिति सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार होगा।
  • अनुच्छेद-88 के अनुसार महान्यायवादी को संसद के किसी सदन, दोनों सदनों की संयुक्त बैठक तथा संसद की किसी समिति जिसका वह सदस्य है, की कार्यवाही में भाग लेने तथा बोलने का भी अधिकार है किन्तु उसे संसद में किसी विधेयक पर मत देने का अधिकार नहीं है।
  • भारत सरकार से संबंधित मामलों को लेकर उच्चतम न्यायालय में भारत सरकार की ओर के पेष होना।
  • अनुच्छेद-143 के अनुसार राष्ट्रपति के द्वारा उच्चतम न्यायाल में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करना।
  • सरकार से संबंधित किसी मामले में उच्च न्यायालय में सुनवाई का अधिकार।

नोट - एकमात्र व्यक्ति जो संसद का सदस्य न होते हुये भी संसद की कार्यवाही में भाग लेता है।
वर्तमान में महान्यायवादी - के.के. वेणुगोपाल
भारत का महाधिवक्ता - 
महाधिवक्ता भारत सरकार का दुसरा विधि अधिकारी है जिसका प्रमुख कार्य महान्यायवादी की सहायता करना है।
अपर महाधिवक्ता -
इसकी नियुक्ति महाधिवक्ता की सहायता करने के लिए की जाती है।
नोट - महान्यायवादी एक संवैधानिक पद है तथा महाधिवक्ता व अपर महाधिवक्ता एक वैधानिक पद है।